ट्रांसपोर्टर्स से एक टैक्‍स दो बार लिया जा रहा है: transporter-gurcharan-singh

गुरचरण सिंह जी पंजाब के डेराबस्‍सी के रहने वाले है। इनके पास खुद की एक गाडी है। इनका कहना है कि जब इस काम की शुरूआत की थी तब काम बढिया चल रहा था  लेकिन अब इस काम में मंदी आ गई है।ट्रांसपोर्ट लाइन में आज खर्चे बहुत बढ गए है। इंश्‍योरेस के रेट बहुत ज्‍यादा है। ट्रांसपोर्टर्स के साथ सबसे बड़ी ज्‍यादती है कि उनसे एक टैक्‍स दो बार लिया जा रहा है। गाड़ी वाले रोड टैक्‍स देते है फिर भी उनसे  टोल टैक्‍स लिया जाता है। जबकि सरकार का कहना है कि एक टैक्‍स दो बार नहीं लिया जा सकता। लेकिन ट्रांसपोर्टर्स के साथ ऐसा ही हो रहा है। उनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्ट लाइन आनलाइन हो रही है। अब सारा काम आनलाइन होने लगा है। इससे बहुत फायदा हो रहा है। अब गाड़ी के लिए माल आनलाइन मिल जाता है। गाड़ी में आनलाइन तेल डल रहा है। ई वे बिल के आने से काम एक नंबर में हो गया है। अब समय की बचत हो जाती है अब गाडी को बार बार बार्डर पर पेपर चैक करवाने के लिए रूकना नही पडता है। गरुचरण सिंह जी गाडी में अंडरलोड को सही मानते है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है गाडी की सेफटी बनी रहती है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि ट्रांसपोर्टस की असली कमाई इइंश्‍योरेंस वाले और टोल टैक्‍स वाले ले जाते है। इनका कहना है आज नई गाडी की इंश्‍योरेंस 60 हजार की है। इनका कहना है कि आज एक गाडी वाले का एक साल का खर्चा एक लाख रूपए है। एक गाडी वाला हर तरह के टैक्‍स पे करता है लेकिन आज उसको कुछ नही बच रहा है । सरकार ट्रांसपोर्टस की ओर ध्‍यान नही दे रही है। इनका सुझाव है कि भाडे के रेट बढने चाहिए और टोल टैक्‍स ट्रांसपोर्टर्स के लिए बंद होना चाहिए।

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