फास्ट टैग से समय बच रहा है : transporter-pawan-kumar
पवन कुमार जी डेराबसी के रहने वाले है। एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस बिजनेस की शुरूआत की थी। आज इनके दो गाडियां है। इनका कहना है कि गाडियों में जीपीएस का काफी फायदा है गाडी में जीपएस के लगे होने से गाडी के मालिक को गाडी की लोकेशन का पता रहता है। पवन कुमार जी ने बताया कि फास्ट टैग का ट्रांसपोट्रस लाइन में आने से काफी फायदा हुआ है। ई वे बिल की तरह फास्ट टैग भी ट्रांसपोर्टस लाइन के लिए काफी फायदेमंद है। गाडी माल लेकर जाती है तो रास्ते में कई टोल बैरियर से होकर गुजरती है हर टोल बैरियर पर पांच से दस मिनट का समय लग जाता था। फास्ट टैग के आने से अब गाडियों को फास्ट टैग भुगतान के लिए लाइनों में नही लगना पडता है। गाडी सीधा टोल बैरियर से निकल जाती है। इससे समय बच रहा है। जीपीएस की सहायता से गाडी का पता रहता है कि गाडी कहां पहुंच गई है। जीपीएस के लगे हाेने से यह फायदा होता है कि व्यपारी लोगो को बता सकते है कि गाडी माल लेकर कब तक पहुंचेगी। पवन कुमार जी ने बताया कि ई वे बिल के आने से बैरियर उठ गए है अब गाडी वाले की गाडी समय से माल पहुंचाकर वापिस आ जाती है। अब गाडी वाले का समय बच जाता है।पवन कुमार जी गाडी में अंडरलोड को डालकर चलाना पंसद करते है इनके हिसाब से गाडी को अंडरलोड चलाने से काफी फायदा होता है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी सेफ रहती है। गाडी में टूट फूट कम होती है, जिससे गाडी की रिपेयर और मिनटेनस पर कम खर्चा आता है और गाडी अपने समय से ज्यदा चलती है। इस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्कत मार्केट में माल न होने की वजह से आ रही है मार्केट मे माल न होने की वजह से ट्रांसपोर्टस का काम ढप होता जा रहा है। उन्होने बताया कि इस काम में ज्यदा मंदी तब आई जब से नोटबंदी हुई है और जीएसटी के आने से इस काम मे ज्यादा मंदी आ गई है। इस समय काम काफी मंदा चल रहा है। जब काम शुरू किया था तब काम बहुत ही बढिया चलता था। पवन कुमार का सुझाव है कि गाडी वाले के लिए ओवरलोड और टूल टैक्स खत्म होने चाहिए। एक गाडी वाला इंश्योरेंस और टूल टैक्स तथा डीजल के रेट से बहुत ही परेशान है।
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