जीपीएस से गाड़ी चोरी होने पर ढूंढना आसान : transporter ramesh sharma

रमेश शर्मा जी यूपी के रहने वाले है। वे ट्रांसपोर्टस लाइन में ब्रोकर का काम करते है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस का बिजनेस  बढिया चल रहा है। जब से ट्रांसपोटस के काम की शुरूआत की है तब  से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है कि काम अब बढियां तरीके से हो रहा है। आज के समय में ट्रांसपोर्टस का बिजनेस ऑनलाइन हो रहा है। ऑनलाइन  सिस्‍टम होने से गाडियों को आसानी से बुक कर सकते है , ऑनलाइन ही गाडी को चैक करके गाडी के लिए माल मिल जाता है। इनका कहना है कि हर बिजनेस में उतार चढाव आते है उसी तरह इस बिजनेस में भी कभी कभी उतार चढाव आ जाते है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस लाइन  के ऑनलाइन होने से काफी फायदा हो रहा है, ट्रांसपोट्रस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से सीधा पार्टी के साथ बात होती है और गाडी को बुक करवाने में किसी भी तरह की कोई दिक्‍कत नही आती है। गाडियों में जीपीएस का काफी फायदा है , गाडियों में जीपीएस के लगे होने से गाडी की लोकेशन को आसनी से देख सकते है कि गाडी कहां पर खडी है। इससे माल के चोरी होने का कम डर रहता है क्‍योंकि गाडियों में जीपीएस की सहायता से हम आसानी से गाडी को देख सकते है। पहले गाडी चोरी हो जाती थी, पता नही लगता था। अब जीपीएस की सहायता से  चोरी होने पर गाड़ी को ढूंढना आसान  हुआ है। इनका कहना है कि ई वे बिल से व्‍यपारियों को काफी फायदा हुआ है। रमेश जी का मानना है कि गाडियों को अंडरलोड ही चलाना चाहिए। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍‍कत तो यह आ रही है कि भाडे के रेट कंपटीशन के  कारण नही बढ  पा रहे है। इनका सुझाव है कि हर कोई लोन लेकर गाडी को डाल रहा है, लेकिन इस लाइन में तभी कामयाबी मिलेगी, जब इस बिजनेस की पूरी समझ हो।

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