डीजल के रेट 50 रुपए होने चाहिए : transporter-narender-kumar

नरेन्‍द्र कुमार  जी पंजाब के डेराबसी की रहने वाली है । इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की आज इनके पास खुद की चार गाडियां है। इन्‍होंने सन 1986  में ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी। इनका कहना है कि उस समय ट्रासपोर्टस का काम बहुत ही बढिया चल रहा  था। उस समय खर्चे काफी कम थे। डीजल का चार रुपए प्रति लीटर था। गाड़ी की इंश्‍योरेंस भी कम थी। लेकिन आज खर्चे बहुत बढ गए है। डीजल का रेट तो आसमान छूं रहा है। ट्रांसपोर्ट के और खर्चें भी बहुत बढ गए है। पहले टोल टैक्‍स नहीं देना पड़ता था। अगर आज के हिसाब से देखे तो पहले काम बहुत अच्‍छा था। आज खर्चे बढ गए है और कमाई कम हो गई है। उनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में आज कोई अच्‍छी बात है तो वो ये कि आज काम आनलाइन हो गया है। अब माल आनलाइन भी ढूंढा जा सकता है। भाड़े की पेमेंट सीधे खाते में आ जाती है। तेल भी आनलाइन पड़ जाता है। गाडी में जीपीएस के लगे होने से यह फायदा हे कि गाडी की लोकेशन का पता  रहता है  कि गाडी कहां पर खडी है। गाडी में जीपीएस के लगे होने से गाडी ककी लोकेशन को हम घर पर बैठे भी चैक कर सकते है।  ई वे बिल का फायदा है कि  गाडी सीधा माल लेकर पहुंचती है । अब गाडी को बार बार रूकना नही पडता है। उनका कहना है कि वे गाडी को अंडरलोड चलाते है । बईमान लोग ही गाडी में ओवरलोड डलवाते है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि गाडियों में सबसे ज्‍यादा टैक्‍स लगा रखा है। गाडियों की खरीद पर  28 प्रतिशत टैक्‍स लगा रखा है।। इनका सुझाव है कि ट्रांसपोर्ट लाइन को बेहतर तरीके से चलाने के लिए सरकार को डीजल के रेट  50 रूपए लीटर करना चाहिए। तभी फायदा हो सकता है इस लाइन को।

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