गाडी खडी करने के लिए पार्किंग बननी चाहिए : transporter-ravinder-singh

रविंद्र सिंह पंजाब के राजपुरा के रहने वाले है। इन्‍हें ट्रांसपोर्ट लाइन में काम करते 11 साल हो गए है। इन्‍होने जब काम की शुरुआत की थी तो इनके पास एक ट्रक था। अब इनके पास खुद की तीन गाडियां है। इनका कहना है कि इन्‍होंने बडी मेहनत करके इस कार्य में सफलता प्राप्‍त की। इनका कहना है कि जब से काम की शुरूआत की थी तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है कि पहले गाडियां कम थी मार्केट में अब गाडियों की मात्रा काफी बढ गई है। इनका कहना है कि अब ऑनलाइन सिस्‍टम से फायदा तो है ट्रांसपोर्टस को । अगर ऑनलाइन वाली कंपनियां बढिया रेट दे तो काम बढिया चलेगा ट्रांसपोर्ट लाइन का। इनका कहना है कि ऑनलाइन सिस्‍टम से फायदा हो रहा है ट्रांसपोर्टस को। इनका कहना है कि ब्रोकर कमीशन खाते है और भाडे के रेट सही नही देते है अगर ऑनलाइन सिस्‍टम वाले भाडे के रेट बढिया तय करके दे तो फायदा होगा  । इनका कहना है कि ई वे बिल से ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा हो रहा है। अब गाडियों को ज्‍यादा समय तक रूकना नही पडता बार्डर पर गाडी अब समय से पहुंच जाती है। इनका कहना है कि ओवरलोड से गाडी के टायसर जल्‍दी घिसते है। अगर गाडी ओवर लोड करते है तो गाडी वाले को तो कुछ बचत नही होती है उल्‍टा गाडी वाले को तो नुकसान होता है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत तो पुलिस वाले से होती है और दूसरी दिक्‍क्‍त ओवरलोड को लेकर आती है। इनका कहना है कि नई पीढी के आने से ट्रांसपोर्ट्रस लाइन में चेंज आयेगा। इनका सुझाव है कि काम करने की एक लिमेंट तय होनी चाहिए और गाडी खडी करने के लिए पार्किंग बननी चाहिए।

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