पंजाब में यूनियन दोबारा शुरू होनी चाहिए : transporter-sunil-kumar

सुनील कुमार जी पंजाब के डेराबंसी के रहने वाले है। इन्‍हे ट्रांसपोर्टस लाइन से जुडे हुए 20 साल हो गए है। इनका कहना है कि एक गाडी से ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी अब इनके पास खुद की पांच गाडियां है। इनका कहना है कि आज ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा हो रहा है। इनका कहना है कि यूनियन के साथ जुडकर काम करते थे तब तो काम बढिया चल रहा था लेकिन यूनियन को सरकार ने भंग करके ट्रांसपोर्टस का काम  ठप ही कर दिया है। वे कहते है कि ई  वे बिल का फायदा है। ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है। ई वे बिल के आने से अब समय की बचत हो गई है और बार्डर से बैरियर उठ गए है।  सुनील जी ओवरलोड को गलत मानते है। ओवरलोड करने से गाडी को नुकसान होताा है गाडी के टायर फट जाते है।  ड्राइवर की जान  का खतरा बना रहता है।  इसलिए वे गाडी को अंडरलोड ही चलाना पंसद करते है । इनका क हना है कि अगर अंडरलोड गाडी चलाने से भाडे के रेट सही मिले तो अंडर लोड बहुत ही सही है।  वे कहते है कि इस बिजनेस की सबसे बडी दिक्‍कत यह है कि इंश्‍योरेंस के रेट काफी बढ गए है । आज एक नई गाडी की इंश्‍योरेंस बहुत ही मंहगी है , 65000  रूपए नई गाडी की इंश्‍योरेंस है  और  टैक्‍स और टोल टैक्‍स के रेट काफी बढ गए है। इनका कहना है कि यूनियन के जरिए गाडी चलाते थे जब तक यूनियन के साथ जुड कर काम कर रहे थे तब तक तो काम बहुत ही बढिया चल रहा था लेकिन अब पंजाब में यूनियन के भंग होने से काम कम हो गया है। इनका सुझाव  है कि बिजनेस को बढिया तरीके से चलाने के लिए यूनियन दोबारा शुरू होनी चाहिए।

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