नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में चालान बहुत ज्‍यादा : transporter-hariom

हरि ओम जी पिछले पांच साल से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। उन्‍होंने एक ट्रक से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम शुरू किया था और आज इसी लाइन में मेहनत करके सफल हुए है। वह ऑनलाइन सुविधा से जुडना चाहते है, जिससे उन्‍हे उनके खाली ट्रक के लिए माल मिल  सके। हरिओम जी का कहना है कि ट्रासंपोर्ट लाइन में ई वे बिल से काफी चेंज आया हैैै। इससे बहुूत टाइम बच जाता है। पहले सेल्‍स टैक्‍स वाले रास्‍ते में कागज चेक करने के नाम पर बहुत परेशान करते थे, बार्डर पर भी कागजों की चेकिंग में कई घंटे लग जाते थे। ईव बिल से यह समस्‍या पूरी तरह दूर हो गई है।अब गाड़ी बिना रुके माल लेकर पहुंच जाती है और जल्‍दी वापस आ जाती है। उनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्ट लाइन में खर्चे बहुत बढ गए है। गाडि़यां बहुत ज्‍यादा हो गई है। इस बिजनेस में टैक्‍स भी बहुत हो गए है। रोड टैक्‍स के साथ साथ टोल टैक्‍स भी देना पड़ता है। मोटर व्‍हीकल एक्‍ट मेें चालान के रेट बढाए जाने को वह बिल्‍कुल गलत मानते है। उनका कहना है कि चालान बहुत ज्‍यादा कर दिए गए है। सरकार को इसे कम करना चाहिए ताकि एक गाड़ी वाला भी इसे भर सके। हरिओम जी का कहना है कि ट्रांसपोर्ट बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत ड्राइवरो की कमी होने के कारण आ रही है। अच्‍छे ड्राइवर नही मिल पाते हैै। उनका कहना है कि सरकार को डीजन के रेट कम करने चाहिए और सडकों की तरफ भी ध्‍यान देना चाहिए। कई राज्‍यों में सड़कों की हालत काफी खराब है। इससे गाड़ी को तो नुकसान होता ही है, एक्‍सीडेंट का खतरा भी बना रहता है। उनका कहना है कि सरकार इस लाइन पर टेक्‍स कम करें इससे होगा ये कि ट्रांसपोर्ट की कमाई बढेगी, जिससे दूसरे लोग इस बिजनेस में आएंगे।

 

 

 

 

 

 

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