अच्‍छी पाॅलिसी निकाले सरकार : transporter-kishore-gupta

किशोर गुप्‍ता जी10 सालों से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। इन्‍होने एक ट्रक के साथ काम की शुरुआत की थी। अपनी मेहनत ने इन्‍होंने पांच ट्रक बना लिए। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में मेहनत करने पर ही सफलता मिलती है। अगर मेहनत करेंगे तोएक ना एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। वैसे तो हर काम में दिक्‍कत आती ही है। ट्रांसपोर्टस सभी बिजनेस का आधार है। इस काम मे मंदा कम ही आता है। हा, अगर इंडस्‍ट्री में काम कम हो तो ही ट्रांसपोर्ट लाइन में मंदा आता है। उनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्ट लाइन आनलाइन हो गई है। गाडि़यों के लिए माल चाहिए तो आनलाइन मिल जाता है। इससे ब्रोकर खत्‍म हो रहे है। अगर आनलाइन कंपनियां रेट अच्‍छे दें तो बहुत बढिया हाेगा और ब्रोकर खत्‍म हो जाएंगे। उनका कहना है कि अब इस लाइन में कंप्‍टीशन बढ गया है। पहले खर्चे कम  थे, लेकिन अब खर्चे बहुत बढ गए है। रास्‍ते में पुलिस वाले और आरटीओ गाड़ी वाले को परेशान करते है। उनका कहना है कि सरकार कोई अच्‍छी पाॅलिसी निकाले ताकि ड्राइवरों को कोई भी बेवजह परेशान न करें। उनका कहना है कि जीएसटी से यह चेंज आया है कि अब हर काम एक नंबर में होने लगा है। ई वे बिल से भी ट्रांसपोर्ट लाइन काे फायदा हो रहा है। इससे समय बच रहा है औरगाड़ी जल्‍दी वापस आ जाती हैउनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में यह दिक्‍कत आ रही है कि पार्टी पेमेंट  नही करती समय पर और  ड्राइवर नही मिल पाते गाडियों के लिए। । उनका सुझाव है कि सरकार डीजल के रेट बढाए तो भाड़ा भी बढना चाहिए। ट्रांसपोर्ट लाइन में टैक्‍स बहुत ज्‍यादा है। सरकार को टैक्‍स में छूट देनी चाहिए और टोल टैक्‍स और रोड टैक्‍स में से एक ही लेना चाहिए। इंश्‍योरेंस के रेट भी कम होने चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

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