हर 20 किलोमीटर के बाद टोल टैक्‍स देना पडता है : tranaporter-baldev-singh

बलदेव सिंह जी पंजाब में चण्‍डीगढ  के रहने वाले है । इनके पास खुद की दो गाडियां है। उन्‍होने कहा कि जब काम की शुरूआत की थी तब काम बढिया चल रहा था। तब हर चीज के रेट कम  थे। डीजल का रेट 30 से 35 रूपए था , आज डीजल का रेट 65से 70 के बीच में है । भाडे के रेट भी नही है । अब अब तो हर 20 किलोमीटर के बाद टोल टैक्‍स देना पडता है। इनका मानना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टर्स को काफी फायदा हो रहा है । एक तो गाडियों में जीपीएस के लगे होने से गाडी का पता रहता है कि गाडी कहां पर  खडी है और गाडी की लोकेशन को ऑनलाइन ही देख सकते है। इनका कहना है कि जो हम सरकार को टैक्‍स पे करते है वो हमे ऑनलाइन ही दिखना चाहिए। ई  वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हुआ है एक तो गाडी समय से माल पहुंचा कर आ जाती है।  ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस का काम एक नंबर में हो गया है । अब  कोई भी सरकार का टैक्‍स चोरी नही कर सकता है। ई वे बिल के आने से बैरियर उठ गए है। बैरियर के उठने से गाडियों को परेशान नही किया जाता है बार्डर पर अब गाडी माल पहुंचाकर जल्‍दी फ्री हो जाती है। बलदेव सिंह अपनी गाडियों को अंडरलोड चलाते है । अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी की मेनटेनंस बनी रहती है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है ड्राइवर की जान तथा माल दोनों चीजे सेफ रहती है। यदि गाडी को ओवरलोड चलाऐगे तो गाडी में डीजल की खपत ज्‍यादा होगी । उन का कहना है कि जब से जीएसटी लगी है तभी से यह काम मंदा चल रहा है। जीएसटी की वजह से छोटे छोटे कारखाने बंद हो गए है।

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