सरकार के हाथ में सब कुछ हे सरकार चाहे तो  ट्रांसपोर्टस का काम बढियां कर सकती है :transporter-pawan

पवन जी पंजाब के  डेराबस्‍सी के  रहने वाले है। इनका कहना है कि अपनी तो चार गाडियां है लेकिन इनके चाचा जी , ताया जी और दोस्‍तों की गाडियां मिलाकर अपनी 500 से 600 तक गाडियां है। उनका कहना है कि पंजाब में ट्रांपोर्टस लाइन में यह चेंज देखने को मिला है कि पंजाब में सबसे बडी ट्रक यूनियन के बंद होने से ट्रांसपोर्टस का काम कम हुआ है। फैक्‍टरियों के बंद होने से इस काम में काफी असर हुआ है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस का काम ऑनलाइन होने से फायदा तो काफी होगा। लेकिन जो पुराने ट्रांसपोर्टस है उन्‍हे इस बारे में पूरी जानकारी नही है। गाडियों में जीपीएस का काफी फायदा हुआ है गाडियों में जीपीएस के लगाने से ड्राइवर लोग झूठ नही बोल सकते और झूठ बोलकर गाडी को ईधर से उधर नही ले के जा सकते है, इस चीज में तो काफी फायदा हुआ है। ई वे बिल का काफी फायदा हुआ है ई बे बिल के आने से काफी बैरियर खत्‍म हो गए है। बैरियर के उठने से फायदा यह हुआ है कि पहले हर बार्डर पर जाकर मोहर लगवानी पडती थी , ई वे बिल के आने से बार्डर से गाडी असानी से निकल जाती है। इनका कहना है कि सरकार ने गाडियों में जो ओवरलोड बढाया है उसका एक ऐड बनना चाहिए ताकि सभी लोगो को जानकारी मिल सके कि ओवरलोड सरकार ने बढा रखा है एक तरह से सरकार ने ओवरलोड करके गाडी वाले की टैंशन दूर की है। इस बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत यह आ रही है कि फ्रेंट की वजह से काम काफी कम हो गया है। गाडी के टैक्‍स और इंश्‍योरेंस इतने बढ गए है गाडी के टायर इतने घटिया आ रहे है कि तीन चार दिन के बाद टायर को चेंज करना पडता है। इनका सुझाव है कि सरकार ने गाडी की validity 15 साल कर दी है जो कि गलत पाॅलिसी है , 10 साल तक तो हम लोग गाडी की किश्‍ते देते रहे जब गाडी अपनी हुई तो पीछे गाडी की validity 5 साल की रह गई है। गाडियों के रेट भी काफी बढा दिए है। इनका कहना है कि ट्रांसपोट्रस के काम का 75 प्रतिशत हल तो सरकार के पास है और 25 प्रतिशत हल ड्राइवर लोगो के पास है क्‍योंकि एक गाडी ड्राइवर अपनी 25 लाख की गाडी एक दसवीं पास के ड्राइवर को देकर उसे उसका मालिक ही बनाता है। एक तरह से जब तक गाडी ड्राइवर के पास ही होती तब तक तो गाडी का मालिक होता है ड्राइवर। ड्राइवर को गाडी पर किए गए खर्च पर ईमानदारी दिखानी चाहिए। उनका कहना है कि सरकार के हाथ में सब कुछ हे सरकार चाहे तो  ट्रांसपोर्टस का काम बढियां कर सकती है।

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