ई वे बिल से दो नंबर का काम काफी कम हुआ है : transporter विनोद

विनाेद जी पंजाब में जिरकपुर के रहने वाले है। इनके पास खुद की एक गाड़ी है। इन्‍होंने इस लाइन मे काफी उतार चढाव देखे है। विनोद जी कहते है कि आज ट्रांसपोर्टस का बिजनेस ऑनलाइन  हो रहा है, जैसे कि ऑनलाइन कंपनियां गाडियों को माल बुक करके देती है। ऑनलाइन सिस्‍टम तो सही है ट्रांसपोर्टस लाइन के लिए, इससे गाडी को आसानी से माल मिल जाता है । इनका कहना है कि यादि ऑनलाइन वाले भाडे के रेट सही दे तो ट्रांसपोर्टस का काम बहुत ही बढिया चलेगा। ई वे बिल को भी वे बढि़या मानते है। उनका कहना है कि ई वे बिल आने से अब बार्डर पर नहीं रुकना पड़ता है।अब बार्डर  से बैरियर उठ गए हैं।ई वे बिल से ट्रांसपोर्ट का काम एक नंबर में हो गया है। ई वे बिल के पास होने से यह डर नही रहता है कि गाडी में दाे नंबर का माल है, ई वे बिल में पूरे माल की जानकारी रहती है । विनोद जी गाडियों को अंडरलोड चलाने को सही मानते है। गाडियों के लिए अंडरलोड ही सही है। इनका कहना है कि ओवरलोड डालने वालो पर भारी जुर्माना लगना चाहिए। विनोद जी बताते है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि एक तो मार्केट में माल नही मिल रहा है। दूसरा, कंपनियों के बंद होने की वजह से मार्केट में मंदी छाई हुई है। ट्रांसपोर्ट लाइन में माल मिलेगा तो ही काम बढिया तरीके से चलेगा। विनोद जी कहते है कि इस बिजनेस में खर्चें काफी बढ गए है। इससे पहले से इंकम कम हुई है। इस बिजनेस में टैक्‍स भी बहुत ज्‍यादा है। इंश्‍योरेंस के रेट भी काफी बढ चुके है। इस बिजनेस से लाखो करोड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। अगर टैक्‍स कम हो और इंकम बढे तो और लोग इस लाइन में आएंगे, जिससे रोजगार भी बढेगा।

 

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