transporter जसविन्द्र सिंह कहते है कि online सिस्टम से काम एक नंबर का हुआ है …..
transporter जसविंद्र सिंह पिछले कई सालों से इस बिजनेस में है। उनके पास खुद की एक गाडी है। जसविन्द्र सिंह जी पंजाब में मोंगा के रहने वाले है। ट्रांसपोर्ट लाइन के बारे में उनका कहना है कि जब से इस बिजनेस में आनलाइन सिस्टम शुरू हुआ है, तब से काम काफी आसान हो गया है। पहले रास्ते में कागज चेक कराने के लिए बार बार रुकना पडता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। ई वे बिल से अब जगह जगह नहीं रुकना पडता। सबसे बडी बात है कि अब सारा काम एक नंबर का हो गया है। पहले भाडा लेने के लिए चक्कर लगाने पडते थे, अब पेमेंट भी आनलाइन हो गई है। उनका कहना है कि इस बिजनेस में मेहनत से कामयाबी पाई जा सकती है। उन्होंने भी अपनी गाडी बनाने के लिए काफी मेहनत की है। जसविंद्र जी का कहना है कि अ बइस बिजनेस में काम पहले से कम हुआ है।जबकि पहले काम बहुत था। इसकी एक वजह गाडियां ज्यादा होना भी है। इसके अलावा अब खर्चे काफी बढ गए है। इंश्योरेंस भी बहुत ज्यादा है। ट्रांसपोर्ट में टैक्स भी बहुत ज्यादा बढ गए है। जबकि पहले टैक्स कम और भाडा अधिक था, लेकिन अब टैक्स ज्यादा और भाडा कम हो गया है। रोड टैक्स के अलावा टोल टैक्स भी देना पडता है। रास्ते में जगह जगह टोल टैक्स हो गए है। आज भाडे के रेट भी 20 साल पुराने है। इससे बचत कम हो गई है। जसविंद्र सिंह का मानना है कि गाडियों में ओवरलोड गलत है। इससे एक्सीडेंट का डर बना रहता है। साथ ही टायर जल्दी घिस जाते है। लेकिन ट्रांसपोर्टर को मजबूरी में ओवरलोड करना पडता है क्योंकि खर्चे इतने ज्यादा है कि अगर ओवरलोड न करें तो खर्चे निकालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए मजबूरी मे ओवरलोड करना पडता है। जसविंद्र सिंह का सुझाव है कि सरकार इस बिजनेस में टैक्स कम करें, इससे बचत बढेगी और ज्यादा लोग इस बिजनेस में आएंगे और कई लोगों को रोजगार मिलेगा।
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