गाडी में ओवरलोड डलवाता है उसे भी पनेल्टी लगनी चाहिए : transporter-abhinav
अभिनव सिंह जी पंजाब के मलोट के रहने वाले है। इनका कहना है कि इन्हें ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए 25 साल हो गए है एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के काम की शुरूआत की थी अब इनके पास खुद की 50 गाडियां है। इनका कहना है कि यह इस बिजनेस में खुद गाडी चलाकर काम जाब हुए। जब से काम की शुरूआत की है तब से लेकर अब तक यह देखने को मिला है अब काम कम हुआ है ट्रांसपोर्टस का पहले कमाई अच्छी थी इस काम में पहले चीजो के रेट सस्ते थे अब मंहगाई काफी बढ गई है। ट्रांसपोर्टस के बिजनेस का ऑनलाइन होने से फायदाा हो रहा है ऑनलाइन सिस्टम से काम बढिया चल रहा है। ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन में फायदा हुआ है इनका कहना है कि जब से जीएसटी लगी है और ई वे बिल आए है काम बढिया हो गया है ट्रांसपोर्टस का सारा बिजनेस ऑनलाइन हो गया है। ओवलोड गाडियों के लिए सही नही है ओवरलोड होने से गाडी को नुकसान होता है। गाडी में ओवरलोड करने से गाडी के ट्रायर घिस्स जाते है और गाडी की रिपेयर पर भी काफी धन की हानि होती है। ओवरलोड तो बिल्कुल ही गलत है अंडरलोड में ही भाडे के रेट सही मिले तो कोई अपनी गाडी ओवरलोड करेगा ही नही। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि भाडे के रेट 15 साल पुराने वाले है और महंगाई आज के हिसाब से बडी है लेकिन भाडे के रेट नही बढे है। अब गाडियों के रेट भी बढ गए है पहले गाडी का रेट 15 लाख था अब नई गाडी का रेट 25 लाख हो गया है। मंहगाई आज के जमाने की है और बाढे के रेट पुराने है ये ही दिक्कत यह इस बिजनेस में सबसे बडी है। इनका सुझाव है कि हर गाडी अंडरलोड चलनी चाहिए और भाडे के रेट सही मिलने चाहिए। अगर कोई ओवरलोड गाडी चलाता है तो उसे 10 गना फाइन लगना चाहिए। सरकार को इस तरह का सिस्टम बनाना चाहिए जो गाडी में ओवरलोड डलवाता है उसे भी पनेल्टी लगनी चाहिए और जो यह माल लेकर आता है उसे भी पनेल्टी लगनी चाहिए ताकि ओवरलोड कोई डाल ही न पाए यादि कोई पाए तो फाइन इतना हो की दुबारा ओवरलोड डालने की हिम्मत ही न करे।
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