बाहर के देशों की तरह भारत में भी ड्राइवरों को सम्‍मान मिलें : transporter-gifty

गिफटी  जी  पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। इन्‍होंने ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत एक ट्रक के साथ शुरू की थी। गिफटी के पास एक ही ट्रक है। गिफटी जी मोबाइल व कंप्‍यूटर और  इंटरनेट का प्रयाेग करते है। गिफटी जी ऑनलाइन कंपनी से जुडना चाहते है जिससे इन्‍हे अपने खाली ट्रक के लिए माल मिल सके और वे अपना काम बढा सके। गिफटी ने बताया कि जब से जीएसटी लगी है ट्रांसपोर्ट लाइन में दिक्‍कते ही दिक्‍कते आ रही है। पैसे को लेकर  परेशानी का सामना करना पडता है, माल भाडे न मिलने के कारण परेशानी आती है। ट्रांसपोर्टस लाइन में माल मिल भी जाए तो भाडे के रेट सही नही मिलते इस तरह की दिक्‍कतों का  सामना तो हर  रोज करना पडता है। ट्रांसपोर्ट लाइन में पांच सालों में यह चेंज आया है कि अब आनलाइन बुकिंग और आनलाइन पेमेंट हो रही है ।  टायर के रेट काफी बढ  गए  है।  गिफटी ने बताया कि यदि डीजल के रेट बढते है तो भाडा तो बढना ही चाहिए। उनका कहना है कि गाडियों को अंडरलोड चलाना ही सही है। उनके अनुसार ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत गाडियों में ओवर लोड माल भरने  से होता  है। ओवरलोड गाडी होने से गाडी को नुकसान होता  है।  टोल टैक्‍स  काफी बढ गए है  इस प्रकार की परेशानी का समाना  ट्रांसपोर्टस को आए दिन करना पडता है और  इस तरह की समस्‍या को हर रोज झेलना पडता है। सरकार से कहना चाहते है कि ड्राइवरों की सेलरी के रूल बनने चाहिए। ड्राइवरो को समय पर सेलरी के रूल बनने चाहिए ताकि उन्‍हे भी मान सम्‍मान  मिले। ड्राइवरों के लाइसेंस का रूल होना चाहिए। ड्राइवरों को आरटीओ वाले तंग करते है ऐसा रूल होना चाहिए जिससे वह ड्राइवरों को परेशान न करे । बाहर के देशों में जैसे ड्राइवरों को सम्‍मान दिया  जाता  है ठीक उसी तरह हमारे भारत में भी ड्राइवरों को इज्‍ज्‍त व सम्‍मान मिलना चाहिए।

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