भूषण गर्ग जी ने अपनी मेहनत से बनाए 11 ट्रक : transporter-bhushan-garg

भूषण गर्ग जी बरनाला के रहने वाले है। वे पिछले 20 सालों से ट्रांसपोर्टस लाइन में काम कर रहे है। भूषण गर्ग जीने बताया कि उन्‍होनें जब  ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की है तब से एक ही ट्रक था। उन्‍होंने ट्रांसपोर्टस लाइन में कड़ी मेहनत की। मेहनत और लगन के बल पर अपने 11 ट्रक तैयार किए। भूषण गर्ग जी कंप्‍यूटर और इंटरनेट का प्रयोग करते है।उन्‍होंने बताया कि यह ऑनलाइन ट्रक सुविधा के साथ जुडे हुए  है और उनका ट्रांसपोट्रस का बिजनेस ट्रक सुविधा के साथ जुडकर बहुत अच्‍छा चल रहा है। उनका कहना है कि अब तो ट्रांसपोर्ट का बिजनेस पूरी तरह आनलाइन हो गया है। वे कहते है कि जीएसटी का कुछ खास असर नही हुआ ट्रांसपोर्टस लाइन में बस गाडियां जल्‍दी पहुंच जाती है माल लेकर।गाडियों में जीपीएस के लगे होने से काफी फायदा होता है। गाडी पर पूरी नजर रखी जा सकती है जीपीएस की सहायता से। गाडी में जीपीएस के लगे होने से गाडी के चोरी होने का खतरा भी कम ही रहता है। इस लाइन में पिछले पांच सालों में काफी चेंज आया है। पिछले पांच सालों में ट्रांसपोर्टस लाइन में यह चेंज देखने को मिला है कि अब इंश्‍योरेंस काफी महंगे हो गए है। टायर के रेट काफी बढ गए है। उनका मानना है कि डीजल के रेट बढते है तो भाडे तो बढने ही चाहिए। वे गाडियों में ओवरलोड को सही नही मानते । उनका कहना है कि अंडरलोड सही है, इससे गाडी को नुकसान नही होता हैा उनका मानना है कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि ट्रेंड ड्राइवर नही मिल पाते है। भूषण जी का सुझाव है कि गाडी के इंश्‍योरेंस के रेट कम होने चाहिए। गाडियो को समय से माल मिलना चाहिए। राेड टैक्‍स या टोल टैक्‍स में से एक टैक्‍स लगना चाहिए।

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