फास्ट टैग से ट्रांसपोर्ट का काम फास्ट हो गया है : transporter-sunil
सुनील जी 12 सालों से ट्रांसपोर्टस लाइन में काम कर रहे है। सुनील जी एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के काम शुरू किया थी। उन्होंने इस लाइन में खूब मेहनत की ओर धीरे धीरे इस लाइन में कामयाब होते चलेगे। सुनील जी के पास अब अपने पांच ट्रक है। ऑल इंडिया में उनकी गाडियां माल लेकर जाती है। सुनील जी ऐसी ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है जिससे उन्हे उनके खाली ट्रक के लिए माल मिल सके और अपने काम को बढा सके। सुनील जी ने बताया कि फास्ट टैग से ट्रांसपोर्ट का काम फास्ट हो गया है। अब समय बचने लगा है फास्ट टैग से। गाडियों में जीपीएस लगने से गाडियों का पता चल जाता है कि गाडी कहा पर खडी है और किस स्पीड से चल रही है जीपीएस की सहायता से आसनी से पता रहता है।सुनील जी ने बताया कि पिछले पांच सालों से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी सुधार देखने को मिला है। गाडी की ऑनलाइन पेमेंट कर सकते, अब सडकों में काफी सुधार देखने को मिलता है। सडको के सही होने से दुर्घटना कम होती है। सुनील जी ने बताया कि यादि डीजल के रेट बढते है तो भाडे के रेट भी बढने चाहिए। जब से जीएसटी लगी है, तब से गाडियों के टैक्स बढे है । सुनील जी गाडि़यों को अंडरलोाड को ही पसंद करते है । उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को किसी भी तरह से कोई नुकसान नही होता है। सुनील जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे ज्यादा दिक्कत तो इस बात को लेकर आ रही है कि गाडियों के भाडे के रेट नही बढते है। ट्रांसपोर्टस लाइन में अब काम कम हुआ है। कंपटीशन काफी बढ गया है। डीजल के रेट भी काफी बढ गए है। सुनील जी सुझाव देना चाहते है कि टैक्स के रेट काफी बढे गए है। सरकार को इसकी ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
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