ड्राइवरों के लिए भी कुछ सोचें सरकार : transporter-harjeet-singh

हरजीत  सिंह जी पंजाब के लुधियाना के रहने वाले है।  उन्‍हे ट्रांसपोर्टस लाइन में काम करते हुए काफी साल हो गए है। हरजीत सिंह जी ने बताया कि हमारे पिता जी 1996 से ट्रांसपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। जनता ट्रांसपोर्ट  के नाम से अपना काम शुरू किया है।  जब काम की शुरूआत की थी तो एक भी ट्रक नही था। उन्‍होने ट्रांसपोर्टस लाइन में खूब मेहनत की और मेहनत करके 10 ट्रक बना लिए है।  हरजीत सिंह जी ने बताया कि वह ऐसी ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है जिससे उन्‍हे उनके खाली ट्रक के लिए  माल मिल सके। हरजीत सिंह जी ने बताया कि जीएसटी लगने के बाद ट्रांसपोर्टस लाइन में बहुत चेंज देखने को मिला है। जीएसटी लगने के बाद माल एक नंबर में मिल जाता है माल के साथ बिल कट कर मिलता है पहले ऐसा नही होता था। जीएसटी लगने के बाद काम एक नंबर में हो गया है। पिछले पांच सालों में काफी चेंज देखने को मिला है। गाडी की क्‍वालिटी में काफी चेंज आया है। अब गाडियों की क्‍वालिटी काफी हाई हो गई है। रोड भी सही हुए है पहले के मुकाबले अब गाडी को चलाने में परेशानी का सामना नही करना पडता है। सडको को लेकर भी अब दिक्‍कतों का सामना नही करना पडता है। हरजीत सिंह जी ने बताया कि डीजल के रेट बढने से भाडे के रेट भी बढने चाहिए तभी तो फायदा होगा ट्रांसपोर्टस लाइन को। हरजीत सिंह जी गाडियों में ओवरलोड को डालना पसंद नही करते है गाडियों को अंडरलोड ही चलाना पसंद करते है। हरजीत सिंह जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस लाइन में सबसे बडी दिक्‍कत तो यह आती है कि ड्राइवर लोगों को कोई भी इज्‍ज्‍त नही देता। मिस बिहेव किया जाता है ड्राइवरों के साथ ड्राइवर लोगो के लिए यूनीफॉर्म की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए और उनके लिए कुछ व्‍यवस्‍था का प्रबंध भी सरकार की ओर से होना चाहिए जैसे कि वॉश रूम की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए। ड्राइवरों के लिए रेस्‍ट करने की व्‍यवस्‍था होनी चाहिए ।

 

 

 

 

 

 

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