आनलाइन सिस्‍टम से ट्रांसपोर्ट लाइन को फायदा हो रहा : transporter subhash gupta

सुभाष गुप्‍ता जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। इनका कहना है कि इन्‍होंने से एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। जब इस काम की शुरूआत की थी तब इनके पास खुद की एक ही गाडी थी । आज इन्‍होंने अपनी मेहनत से कई गाडियां बना ली है। सुभाष जी का कहना है कि एक जमाने में ट्रांसपोर्ट लाइन में बहुत कमाई थी। उस समय खर्चे कम थे। पिछले 20 सालों में ट्रांसपोर्ट लाइन मेें खर्चे कई गुना बढ गए है, लेकिन कमाई उतनी नहीं बढ पाई है। टैक्‍स बहुत ज्‍यादा है। गाडी के टायर और अन्‍य पार्टस काफी महंगे हो गए है। इंश्‍योरेंस भी बहुत ज्‍यादा हो गई है। डीजल के रेट तो हर महीने बढ जाते है। इतना सब कुछ होने पर भी भाडा उस अनुपात में नहीं बढा, जिस अनुपात में खर्चें बढ गए है। सुभाष जी मानते है कि आनलाइन सिस्‍टम से ट्रांसपोर्ट लाइन को फायदा हो रहा है। इससे काम जल्‍दी होता है और करप्‍शन भी कम हुआ है। ई वे बिल को देखें, पहले बार्डर पर कागज चेक करवाने पड़ते थे। रास्‍ते में भी सेल्‍स टैक्‍स वाले परेशान करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बार्डर पर बैरियर हटने से गाडी आसानी से निकल जाती है। बैरियर हटने का फायदा यह हुआ है कि इससे समय बच जाता है और गाडी जल्‍दी माल उतारकर आ जाती है। इसके अलावा अब आनलाइन मिल जाता है। भाडा भी आनलाइन सीधा अकाउंट में आ जाता है। इनका कहना है कि इस समय मार्केट में काम कम हुआ है पहले से। इंडस्‍ट्री में भी मंदी छाई हुई है। इसकी वजह से माल नहीं आ रहा है। ट्रांसपोर्ट लाइन तो इंडस्‍ट्री पर भी डिपेंड है इसलिए इंडस्‍ट्री में काम होगा तो ट्रांसपोर्ट को माल मिलेगा। इनका सुझाव है कि सरकार ट्रांसपोर्ट लाइन में टैक्‍स कम करे और इंडस्‍ट्री में छाई मंदी को दूर करने के ठोस उपाय करें।

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