मिलजुल कर काम करने से ट्रांसपोर्टर को होगा फायदा : transporter -anuj -kumar

अनुज कुमार जी हिमाचल प्रदेश के रहने वाले है। इनके पास खुद की चार गाडियां है। इनका कहना है कि जब काम की शुरूआत की थी तब भाडे के रेट कम थे लेकिन काम बढिया चल रहा था, अब पहले के मुकाबले काम कम हुआ है। सबसे बड़ी दिक्‍कत मंदी के कारण आ रही है। बाजार मे माल नहीं मिलता हे। इनका क हना हैकि ट्रांसपोर्ट लाइन के आनलाइन होने से फायदा हो रहा हे। अब ई वे बिल का जमाना है। पहले बैरियर पर गाडी को कई घण्‍टों तक लाइन  में खडे रहना पडता था, लेकिन बैरियर के उठने के बाद यह समस्‍या खत्‍म हो गई है । बैरियर के उठने से अब गाडी को घण्‍टों घण्‍टों तक लाइन में खडे नही रहना पडता है, गाडी जल्‍दी माल पहुंचाकर वापिस आ जाती है। इनका कहना है कि पहले जो गाडी को चैक करवाने में 7 से 8 दिन लग जाते थे वह समय अब बच जाता है। अनुज जी का मानना हैकि गाडियों को अंडरलोड चलाना सही रहता है, अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी की सेफटी बनी रहती है । इनका कहना है कि जब से ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में जीएसटी लगा है, तब से ट्रांसपोर्टस का काम बहुत ही बढिया हो गया है। सारा काम एक नंबर में हो गया है। दो नंबर का काम बंद हो गया है, इससे काम करने में किसी भी तरह की कोई दिक्‍कत नही आती है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि इस काम में कंपटीशन काफी बढ गाया है। अनुज जी कहते है कि कंपटीशन के बढने से भाडे के रेट में काफी गिरावट आई है  जो लाइन में भाडे के रेट बढने नही दे रही है। इनका सुझाव है कि मिलजूल कर काम करोगे तो तभी फायदा होगा। अगर  कंपटीशन  में लगे रहते तो भाडे के रेट सही नही मिलेंगे और काम कम होगा।

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