आए साल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बढा दिया जाता है : transporter subhash gupta
सु भाष गुप्ता जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। इन्होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। अब इनके पास खुद की पांच गाडियां है। इनका कहना है कि गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है । जीपीएस की सहायता से अपनी गाडी को कभी भी किसी भी समय चैक कर के देख सकते है कि गाडी कहां पर पहुंच गई। गाडियों में ट्रैकिंग सिस्टम लगे होने से कई बार कंपनी वाले भी गाडी की जानकारी मांग लेते है कि गाडी कहां तक पहुंच गई है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने का फायदा यह भी है कि कई बार ड्राइवर लोग फोन नही उठा पाते और मालिक फोन करे पूछना चाह रहा होता है कि गाडी कहां पर पहुंच गई है , ऐसी स्थिति में हम जीपीएस की सहायता से गाडी को आसनी से देख सकते है और ड्राइवर लोग भी झूठ नही बोल पाते है। इनका कहना है कि जब से काम की शुरूआत की है तब से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिल रहा है कि अब खर्चे बढ गए है। ट्रांसपोर्टस लाइन में ई वे बिल की सहुलियत तो हो गई है। पहले हर राज्य में एंटरी करते थे तो फार्म भरने पडते थे। ई वे बिल के आने से फायदा हुआ है , अब ई वे बिल को गलत होने पर एडीट कर सकते है या दुबारा भी भर सकते है। सुभाष जी गाडियों में उतना ही लोड पंसद करते है जितना सरकार दवारा मान्य है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि अब मैनपॉबर नही रही है । आज के टाईम में ड्राइवर लोग ईमानदार नही मिलते है। इनका कहना है कि इंडस्टी के काम पर ही ट्रांसपोर्टस का काम डिपेंड करता है इसलिए इंडस्टी में काम बढना चाहिए। इनका कहना है कि सरकार ने बोला था कि हर 100 किलोमीटर के बाद टोल आऐगा, लेकिन ऐसा कुछ नही है हर 20 किलोमीटर के बाद टोल पड रहा है। पहले थर्ड पार्टी के इंश्योरेंस के रेट कम होते थे लेकिन आज के समय में थर्ड पार्टी के इंश्योरेंस भी काफी बढा दिए है और आए साल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बढा दिया जाता है। इनका कहना है कि सरकार ट्रांसपोर्टस लाइन की तरफ तो बिल्कुल भी ध्यान नही दे रही है।इनका सुझाव है कि लाइसेंस के रेट कम होने चाहिए और ट्रांसपोर्ट लाइन से टैक्स कम होने चाहिए।
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