काम समय पर मिले तो ट्रांसपोर्टस का काम बढिया तरीके से चलेगा : transporter inderpreet singh
इंदरप्रीत सिंह जी पंजाब में लुधियाना के रहने वाले है। इन्होंने दो गाडियों के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी आज इनके पास खुद की पांच गाडियां है। वे गाडियों लोड करवाने का काम भी करते है और मार्केट से गाडियों को लेकर गाडियों को लोड करवाते है। इनका कहना है कि जब ट्रांसपोर्टस के बिजनेस की शुरूआत की थी तब से लेकर अब तक बहुत चेंज आया है । ट्रांसपोर्टस लाइन में अब भाडे के रेट नही मिलते है पहले भाडे के रेट सही मिलते थे और बचत भी थी इस काम मे । इनका कहना है कि इस टाईम ट्रांसपोर्टस का काम कुछ मंदा चल रहा है। ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से काफी फायदा हुआ है ट्रांसपोर्टस लाइन लेकिन सभी लोग ऑनलाइन सिस्टम का फायदा नही उठा पाते है । कई लोगो को ऑनलाइन के बारे में जानकारी न होने पर वो लोग इस चीज का फायदा नही उठा पाते है। पढे लिखें लोग ऑनलाइन का फायदा उठाते है और अपने काम को आसान बनाते है । वे कहते है कि ऑनलाइन सिस्टम से कागजी कामों में समय कम लगता है और काम भी आसानी से हो जाता है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है । गाडियों में जीपीएस की लगे होने से मालिक लोग अपनी गाडी को आसानी से देख सकते है । इंदरप्रीत सिंह जी कहते है कि ई वे बिल से भी बहुतत फायदा हुआ हे। ई वे बिल के ट्रांसपोर्टस लाइन में आने से बार्डर उठ गए है और गाडी समय से माल पहुंचाकर आती है । इससे समय की बचत हुई है और परेशानियां खत्म हो गई है । जबकि पहले गाडियों को घण्टों खडा रहना पडता था। इंदरप्रीत सिंह जी गाडियों को अंडरलोड चलाना पंसद करते है । इनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी की सेफटी बनी रहती है। इनका मनना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि गाडी को माल नही मिलता है। इनका सुझाव है कि काम समय पर मिले तो ट्रांसपोर्टस का काम बढिया तरीके से चलेगा।
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