आनलाइन माल मिलने से ट्रांसपार्टर्स को फायदा हो रहा है : transporter-sumit

सढौरा के रहने वाले सुमित जी ने बताया कि वह पिछले 11 सालों से ट्रासपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। सुमित जी का ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी रूझान था। सुमित जी ने बताया कि एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस लाइन की शुरूआत की थी। सुमित जी ने ट्रको की संख्‍या बढाई एक ट्रक से तीन ट्रक ले लिए जो की सुमित जी की मेहनत का ही नतीजा है। सुमित जी ने बताया कि वे मोबाइल का प्रयोग करते है। सुमित जी ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है जिससे उनके काम को मदद मिले और खाली ट्रको को माल आसानी से मिल सके। उनका कहना है कि आनलाइन माल मिलने से ट्रांसपार्टर्स को फायदा हो रहा है। सुमित जी ने बताया कि जीएसटी लगने के बाद ज्‍यादा चेंज नही आया है, समय बच जाता है जबकि पहले ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी समय बर्बाद होता था । जब से जीएसटी लगी है तबसे समय बच जाता है। सुुमित जी बताया कि पिछले पांच सालों में ट्रांसपोर्टस लाइन में यह चेंज देखने को मिला है कि पहले इनकम ठीक थी ट्रांसपोर्टस लाइन में अब गाडी के खर्चे डबल हो गए है। इंकनम कम हो गई है। सुमित जी का कहना है कि यादि डीजल के रेट बढता है तो गाडियों का भाडा तो अवश्‍य ही बढना चाहिए। सुमित जी अंडरलोड को सही मानते है। सुमित जी ने बताया कि गाडियों का खर्चा निकालना मुशकिल हो जाता है ये सबसे बडी दिक्‍कत है। सुमित जी सरकार से चााहते है कि  डीजल का रेट बढते है टैक्‍स के रेट बढते है लेकिन गाडियों के भाडे के रेट वही के वही रहते है, और कंपनी वाले भी तीन चार जगह से गाडी का रेट पता करते है जो सस्‍ते में गाडी देता है लोड के लिए उसी को बुक करते है। कुल मिला कर बात ये है कि खर्चो की तरफ ध्‍यान रखना चाहिए सरकार  को और इस लाइन मे टैक्‍स कम करने चाहिए।

 

 

 

 

 

 

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