ई वे बिल से दो नंबर का काम बंद हुआ : मेघराज

मेघराज जी पंजाब में डेराबसी के रहने वाले है। इनको 15 साल हो गए है इस लाइन के साथ जुडे हुए। जब काम की शुरूआत की थी  तब एक ही गाडी थी इनके पास आज इनके पास खुद की पांच  गाडियां है। इनका कहना है कि इनका बिजनेस बहुत ही बढिया चल रहा है। इनका कहना है कि बडी मेहनत करके एक से पांच गाडियों अपनी बनाई है। जब काम की शुरूआत की थी तब काम बढिया चल रहा  था लेकिन  आज इस बिजनेस में पहले के मुकाबले मे काम में मंदी आ  गई है। इनका कहना है कि इस काम में पहले जितनी बचत थी आज उतनी बचत नही रही है। अब काम पहले से कम हो गया है। गाडियों में जीपीएस का फायदा है कि गाडी का  पता  रहता  है कि गाडी कहां पर  खडी है।  जीपीएस  की मदद से हम गाडी की लोकेशन को आसानी से देख सकते है। गाडियों में जीपीएस  के लगने से ट्रांसपोर्टस  लाइन को काफी फायदा हुआ है। गाडियों में ई  वे बिल का  काफी फायदा है। इनका  कहना  है कि ई वे बिल के आने  से ट्रांसपोर्टस  का  काम एक नंबर में हो गया है। दो नंबर का काम बंद हो  गया है  ई वे बिल के आने से ई वे बिल के आने से बार्डर उठ गए  है।  उनका कहना हे कि गाडियों में ओवरलोड बिल्‍कुल ही खत्‍म होनी चाहिए। ओवरलोड से गाडी को नुकसान होता  है। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ  रही है कि इस बिजनेस में गाडी को माल नही मिल रहा है। इनका सुझाव है कि डीजल के रेट कम होने चाहिए और महंगाई कम होनी चाहिए ताकि  ट्रांसपोर्टस को कुछ बच सके। सरकार को ट्रांसपोर्टस लाइन को टैक्‍स में छूट देनी चाहिए। डीजल के रेट बढने पर भाड़ा भी बढना चाहिए। सरकार को टोल टैक्‍स में भी छूट देनी चाहिए।

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