ई वे बिल के आने से भष्‍ट्राचार खत्‍म हुआ : transporter Rajesh

राजेश  जी पंजाब  में होशियारपुर के रहने वाले है। राजेश  जी ट्रांसपोर्टस लाइन में गाडियों को बुक करवाने का काम करते है का काम करते है। राजेश जी e way bill के ट्रांसपोर्टस लाइन में आने  से काफी खुश है। उनका कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस का काम एक नंबर में हो गया है। अब बार्डर सेे बैरियर उठ गए है। बैरियर के उठने से ट्रांसपोर्टस का काम एक नंबर में हो गया है। अब गाडी को सीधे माल लेकर जाने दिया  जाता है, रास्‍ते मे किसी भी प्रकार की कोई चैकिंग नही होती है। ई वे बिल के आने से भष्‍ट्राचार खत्‍म हुआ है। वे कहते है कि गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी  फायदा होता है। गाडी की लोकेशन  को आसानी से देख सकते है।  जीपीएस की सहायता से आसानी से देख सकते है गाडी कहां पर पहुंच गई है और किस स्‍पीड से गाडी चल रही है। राजेश जी गाडियों में अंडरलोड को बढिया मानते है: उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान  नही होता है और गाडी की मेनटेनस बनी रहती है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी के टायर भी नही घिसते है और गाडी सुरक्षित रहती है।  राजेश जी ने बताया की ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन  को फायदा हो रहा है और कुछ नुकसान भी हो रहा है। फायदा तो यह हो रहा है कि ऑनलाइन गाडी को माल मिल जाता है। माल पाने के लिए ईधर उधर भटकना नही पडता है और नुकसान है कि कुछ फ्रॉड कंपनिया भी ऑनलाइन ट्रांसपोर्टस के बिजनेस खाेल कर बैठी है जो लोगो से पैसा हडपने का काम करती है । जिससे की सही वाली ऑनलाइन कंपनियों से लोग जुड नही पाते है और लोगो का विश्‍वास नही बन  पाता है। नए मोटर व्‍हीकल एक्‍ट के बारे में उनका कहना है कि चालान  के रेट जरूरत से ज्‍यादा रखे गए है। गलती होने पर जुर्माना लगना चाहिए लेकिन जुर्माना लिमिट मे ही होना चाहिए। अब तो एक  हजार से कम कोई चालान नही है। बडी गाडियों का  चालान बीस से तीस हजार रूपए से शुरू है, कहां से कोई देगा इतना चालान। राजेश जी का सुझाव है कि सरकार को चालान की रकम पर सोच विचार करना चाहिए।

 

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