गाड़ी में लोड होने वाले माल का भी इंश्योरेंस होना चाहिए: transporter-verender
विरेन्दर जी पिछले 20-22 वर्षो से टांसपोर्ट लाइन से जुडे हुए है। उन्होंने इस लाइन में एक ट्रक से अपना सफर शुरू किया था और आज उनके पास अपने पांच ट्रक है। उन्होंने कहा कि इस सफलता तक पहुंचने में उन्हें काफी संघर्ष भी करना पडा, लेकिन अपनी मेहनत, लगन व भगवान के आशीर्वाद से सफल हुए है। विरेन्द्र जी का कहना है कि वह ट्रक सुविधा डॉट कॉम से जुडे हुए है।उनका मानना है कि इस लाइन में ऑनलाइन सुविधा की वजह से काम करना आसान हुआ है। कई बार खाली ट्रकों के लिए माल ढूंढने में काफी दिक्कते होती थी, लेकिन अब इस परेशानी में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि आनलाइन सिस्टम से ट्रांसपोर्ट लाइन को काफी फायदा हुआ है। अबब चैक के जरिए पैमेंट होती है, कैश पैमेंट खत्म हो गई है, जिससे ट्रांसपोर्टस चैक से पैमेंट करते है। विरेन्द्र जी का कहना है कि गाडियां न्यू टैक्नाॅलोजी की आ गई है, जो पहले से बहुत बढिया है। इस लाइन में मेन दिक्कत ये आ रही है की गाडियों के इंश्योरेंस महंगे हो गये है। 40,000 रूपये न्यू गाडी का इंश्योरेंस है। अगर हम कोई पुरानी गाडी भी लेते है, तो उसका इंश्योरेंस भी 40,000 रूपये है। पुरानी गाडी का तो इंश्योरेंस कम होना चाहिए। गाडि़यों में जीपीएस लग जाने की वजह से काम आसान हो गया है। इससे गाडि़यों की टेंशन खत्म हो गई है। विरेन्द्र का कहना है कि यदि डीजल के रेट बढते है तो भाडा भी बढना चाहिए। विरेन्द्र जी का कहना है कि ओवरलोडिड वाहनों पर प्रतिबंध लगाना सही है क्योंकि ओवरलोडिड वाहनों से एक्सीडेंट होने का डर बना रहता है। विरेन्द्र जी का कहना है कि इस लाइन में भाडे को लेकर ज्यादा दिक्कत है, गाडी की रिपेयर पर बहुत खर्चा होता है। डीजल पर भी काफी खर्चा आता है, इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए भाडे का रेट तय होना चाहिए। विरेन्द्र जी का सुझाव है कि जो माल भेजते है उस माल का भी इंश्योरेंस होना चाहिए।
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