गाडी में ओवरलोड करवाने वाले को ही फाइन लगाना चाहिए :transporter-gurmukh-singh

गुरमुख सिंह जी अंबाला के पास चरमरी गांव के रहने वाले है।  इन्‍हे इस लाइन में 40 से 45 साल हो गए है काम करते हुए। इनका कहना है जब काम की शुरूआत की थी तब एक ही गाडी थी और आज इनके पास खुद की दो गाडियां है। इनका कहना है कि ई वे बिल का फायदा है कि ओवरलोड बंद हो रहा है ई वे बिल के आने से गाडियों में। इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि इंश्‍योरेंस इतने बढ गए है और टोल टैक्‍स इतने बढ गए है। अब तो गाडियों के चलान का रेट भी इतना बढा दिया है सरकार ने इनका कहना है कि माल भाडा मिल नही रहा काम के लिए। एक गाडी वाला हर तरह के टैक्‍स पे करता है फिर भी आज उसको कोई सुविधा नही दी जा रही है , आए दिन डीजल के रेट बढ रहे है। गाडी के टायर मंहगे है। इनका कहना है कि इस बिजनेस में आज के टाईम मे सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि आज कल कोई भी ड्राइवर बनना पंसद नही करता है क्‍योंकि ड्राइवर लोगो को सब बुरी नजर से देखते है । ट्रांसपोर्टस लाइन में ड्राइवरों की कमी के कारण भी यह काम कम होता जा रहा है। इनका सुझाव है कि सरकार को इंश्‍योरेंस और टोल टैक्‍स कम करने चाहिए जिस प्रकार सरकार डीजल के रेट बढने पर बसों का किराया बढा देती है ठीक उसी तरह सरकार को ट्रांसपोर्टस के लिए कुछ करना चाहिए या  तो फिर पर किलोमीटर के हिसाब से रेट तय होने चाहिए। गुरमुख सिंह जी ओवरलोड को गलत मानते है । इनका कहना है कि हमारे हिसााब से तो ओवरलोड गलत है। अंडरलोड गाडी चलाना सेफ है इससे गाडी को नुकसान नही होता है। कभी कभी व्‍यापारी लोग गाडी में ओवरलोड डालवा देते है, हमे तो ओवरलोड डालने से नुकसान ही होता है। उनका कहना है कि सरकार को गाडी में ओवरलोड करवाने वाले को ही फाइन लगाना चाहिए सरकार को चाहिए कि व्‍यपारी को फाइन लगाए ओवरलोड होन पर क्‍योंकि हम लोग तो मना करते है गाडी में ओवरलोड डलवान से लेकिन व्‍यपारी लोग फिर गाडी में माल भरने से मना कर देते है इसलिए मजबूरी में भरना पडता है गाडी मे ओवरलोड।

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