स्‍पेयर पार्टस के रेट कम  करे सरकार : transporter-manpreet-singh

मनप्रीत सिंह जालंधर के रहने वाले है । इनका ट्रांसपोर्ट का काम था, लेकिन अब वे विदेश में सैटल हो गए है । इन दिनों वे इंडिया आए हुए हे। उन्‍होने बताया कि हमारा इंडियां में अपना ट्रांसपोर्टस का काम था लेकिन अब यह अपनी सारी गाडियों को बेच कर फोरन चले गए है। इनका कहना है कि काम तो बढिया चल रहा था लेकिन फिर अपनी सारी गाडियां बेच कर फारन चले गए है। इनका कहना है कि जब काम शुरू किया था तब से लेकर अब तक इस बिजनेस में काफी चेंज आ गया है। आज हर चीज के रेट चार गुण बढ गए है इ। पहले डीजल के रेट कम थे और बचत ज्‍यादा थी लेकिन आज डीजल के रेट बहुत ज्‍यादा है और बचत कम  है। वचे कहते है कि आज ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से इस सिस्‍टम को फायदा है इस सिस्‍टम का यह फायदा है कि अगर हमारी गाडियों में जीपीएस लगा है तो हम अपनी गाडी को ऑनलाइन ही देख सकते है। ऑनलाइन ही गाडी का पता लग जाता है कि गाडी कहां पर है। ऑनलाइन पेमेंट होने से भी काफी फायदा हुआ है। ई वे बिल से ट्रांसपोर्टस लाइन को यह फायदा हुआ है कि ई वे बिल के आने से समय की बचत होती है। अब बार्डर पर गाडी को बार बार पेपर चैक करवाने के लिए नही रूकना पडता है। अब समय की बचत हो जाती है। ई वे से ट्रांसपोटस का बिजनेस एक नंबर में हो गया है। वे गाडी में ओवरलोड को सही नही मानते हैा ओवरलोड भरने से गाडी को नुकसान होता है लेकिन कभी कभी मजबूरी मे करना पडता है गाडी में ओवरलोड ताकि गाडी का खर्चा निकल जाए । उनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है एक तो भाडे के रेट सही नही मिलते है ऊपर से हर चीज के रेट इतने बढ गए है कि गाडी का खर्चा निकालना मुश्‍किल हो गया है। इनका सुझाव है कि स्‍पेयर पार्टस के रेट कम  करे सरकार और भाडे के रेट बढने चाहिए ।

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