नई पीढी के आने से इस बिजनेस में सुधार होगा : transporter-daljeet-singh
दलजीत सिंह जी पंजाब के डेराबस्सी के रहने वाले है। इन्होंने दो गाडियों से ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया था।आज इनके पास अपनी 25 गाडि़यां है। इन गाडि़यों को इन्होंने यूनियन में लगा रखा है। दलजीत सिंह जी बताते है कि इस बिजनेस में सक्सेज पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। उन्होंने भी रात दिन मेहनत की है। उनकी मेहनत और वाहेगुरु के आशीर्वाद से वे इस लाइन में सफल हो पाए है। उनका कहना है कि किसी भी काम में सक्सेज की गारंटी नहीं होती है। ये काम करने वाले पर डिपेंड करता है कि वो काम सही तरीके से कर रहा है या नहीं । अगर मेहनत की जाए तो देर सवेर सफलता जरूर मिलती है। उनका कहना है कि दस सालों में ये बिजनेस पूरी तरह बदल गया है। आनलाइन सिस्टम ने इसमे बहुत चेंज कर दिया है। इस बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा है। ऑनलाइन सिस्टम के होने से गाडियों को माल मिल जाता है अब हम गाडी को माल के लिए ऑनलाइन ही बुक कर सकते है। इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से इस काम में कोई असर नही हुआ है काम आराम से कर सकते है ई वे बिल के होने से इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से दो नंबर का काम बंद हो गया है। सारा काम एक नंबर में हो गया है। दलजीत सिंह जी गाडियों को अंडरलोड चलाना ही पंसद करते है । उनका कहना है कि अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी को नुकसान नही होता है। गाडी को ओवरलोड चलाने से गाडी के टायर फट सकते है। उनका मानना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि इंश्योरेंस और डीजल के रेट काफी बढ गए है, लेकिन भाडे के रेट नहीं बढे है। इनका सुझाव है कि नई पीढी के आने से इस बिजनेस में सुधार होगा क्योंकि नई पीढी इस काम को अच्छे से चला सकती है। इनका सुझाव है कि सरकार को इंश्योरेंस के रेट कम करने चाहिए।
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