अब तो आनलाइन मिलता है माल और पेमेंट : transporter दरबारा सिंह जी

दरबारा सिंह जी अंबाला के रहने वाले है। उनके पास खुद की एक गाडी है। गाडी के साथ साथ दरबारा सिंह जी का खेती बाडी का भी काम है। दरबारा सिंह जी का कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस का काम एक नंबर का हुआ है। दरबारा सिंह जी ओवरलोड के खिलाफ है और गाडी में अंडरलोड को सही मानते है। उनके अनुसार ट्रांसपोर्टस के बिजनेस के ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी सुधार हुए है। ऑनलाइन होने से ट्रांसपोर्टस के बिजनेस मे यह चेंज आया कि अब गाडियों को ऑनलाइन भी बुक कर सकते है। ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकते है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हुआ है। गाडियों की लोकेशन को कही पर भी किसी भी समय पर चैक कर सकते है। दरबार सिंह बताते है कि इस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि गाडी को माल और भाडे के रेट सही नही मिल पाते है। गाडियों को लोड और अनलोड करने में काफी दिक्‍कत का सामना करना पडता है। दरबारा सिंह जी का कहना है कि इस बिजनेस में शुरू से लेकर अब तक यह चेंज देखने को मिला है कि अब गाडियों के खर्च काफी बढ गए है पहले गाडी के खर्चे भी कम थे और डीजल के रेट कम थे और भाडे के रेट सही थे, लेकिन आज के समय में डीजल के रेट काफी बढ गए है लेकिन भाडे के रेट कम है। उनका कहना है कि गाडी के इंश्‍योरेंस और टोल के रेट काफी बढ गए है। उनका कहना है कि सरकार काे ट्रांसपोर्ट बिजनेस में करोड़ों रुपए टैक्‍स मिलता है, सरकार को चाहिए कि टैक्‍स कम करें। इससे इस बिजनेस को राहत मिल सकती है। अगर इस लाइन में कमाई ज्‍यादा होगी तो ज्‍यादा लोग इस बिजनेस में आएंगे।

 

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