नई पीढी के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा होगा : transporter-rajesh-kumar

राजेश कुमार जी फरीदकोट के रहने वाले है । इन्‍हे 27 साल हो गए है ट्रांसपोर्टस बिजनेस में काम करते हुए । एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस बिजनेस की शुरूआत की थी अब इनके पास खुद की सात गाडियां है।इन्‍होने इस लाइन मे कड़ी मेहनत की है। इनका कहना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में मेहनत करो तो सक्‍सेज जरूर होगे। हां, कभी कभी बिजनेस डाउन हो जाता है, इससे घबराना नहीं चाहिए क्‍योंकि अगर आज काम डाउन है तो कल अप भी होगा। उनका कहना है कि पहले तो गाड़ी खरीदने के लिए लोन बहुत मुश्किल से मिलता था। अब तो लोन आसानी से मिल जाता है। अगर काम बढिया चलें तो लोन लेकर काम चलाया जा सकता हे। उनका कहना है कि अब ट्रांसपोर्ट लाइन आनलाइन हो गई है। हर काम आनलाइन हो रहा है। उनका कहना है कि ई वे बिल से समय तो बच जाता है, लेकिन ई वे बिल में एक दिक्‍कत भी है। अगर रास्‍ते में गाडी खराब हो जाए और दो चार दिन लग जाए तो ई वे बिल की लिमिट खत्‍म हो जाती है। ऐसे में ड्राइवर को बड़ी परेशनी होती है। ऐसे में दोबारा से ई वे बिल बनवाना पडता है। राजेश जी गाडी को अंडरलोड चलाना पंसद करते है। इनका कहना है कि ओवरलोड गाडी चलाने से ड्राइवर तथा माल दोनो को नुकसान है अगर गाडी अंडरलोड चले तो गाडी सेफ भी रहती है गाडी के टायर जल्‍दी नही घिसते है । उनका कहना हे कि। इस बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत टैक्‍स को लेकर आ रही है और गाडी वाले  को रिश्‍वत मांग कर तंग किया जाता है। । इनका कहना है कि जब काम शुरू किया था तब तो काम बढिया था लेकिन अब मार्केट डाऊन हो गई है। ट्रांसपोर्टस बिजनेस में नई पीढी के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को फायदा होगा क्‍योंकि नई पीढी के लोग नई तकनीको का प्रयोग करना जानते है। इनका कहना है कि बिजनेस के काम में कभी मंदी तो कभी बढिया चलता ही रहता है।

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