transporter रंजाेत सिंह की नजर में online से काम आसान हुआ है …..

transporter रंजाेत सिंह जी ने अपनी मेहनत से इस लाइन में कामयाबी पाई है। उन्‍हें इस बिजनेस का लंबा अनुभव है। ट्रक सुविधा के साथ उन्‍होंने अपने विचार सांझा किए।
रंजोत सिंह पंजाब में डेराबंसी के रहने वाले है। वह पिछले 15 सालों से ट्रांसपोर्टस बिजनेस से जुडे हुए है।  इन्‍होंने एक गाडी से काम की शुरुआत की थी। बडी मेहनत से इन्‍होने चार गाडियां बना ली है।  इनका कहना  है कि इस बिजनेस  में सक्‍सेज होने के पीछे परमात्‍मा की मेहर है और  मेहनत करके सक्‍सेज हुए। रंजाेत सिंह का कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलाइन होने से फायदा हो रहा है।
इस सिस्‍टम से काम बढिया हो गया है । ऑनलाइन काम होने से अब कागज ऑनलाइन बन जाते है। अब काम भी आसानी से हो जाता है। ई वे बिल के आने से फायदा ये हुआ है कि अब टाईम की बचत हो जाती है। ई वे बिल के आने से काम भी टाईम पर हो जाता है।
रंजोत सिंह का मानना है कि गाडी में ओवरलोड गलत है। ओवरलोड करने से गाडी को ही नुकसान होता है। टायर जल्‍दी घिस जाते है और रोड पर एक्‍सीडेंट का खतरा भी बढ जाता है। लेकिन ओवरलोड मजबूरी में करना पडता है। गाडी के खर्चे बहुत ज्‍यादा है। अगर ओवरलोड न करें तो खर्चे निकालना मुश्किल हो जाएगा।  गाडी में ओवर लोड तो गाडी का खर्चा निकालने के लिए करना ही पडता है।
रंजाेत सिंह बताते है कि इस बिजनेस की सबसे बडी दिक्‍कत यह हो गई है कि अब इंश्‍योरेंस के रेट काफी बढ गए है। ट्रायर मंहगे हो गए है। टोल टैक्‍स और डीजल  के रेट काफी  बढ गए है। इससे इंकम कम हाेती जा रही है।अगर सही हाल रहा तो नए लोग इस लाइन में नहीं आएंगे। उनका सुझाव है कि सरकार ट्रांसपोर्ट बिजनेस में टैक्‍स कम करें और इंश्‍योरेंस के रेट भी कम होने चाहिए। यदि डीजल के रेट बढते है तो भाडा भी जरूर बढना चाहिए।

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