टोल टैक्‍स और इंश्‍योरेंस पर ध्‍यान दे सरकार : transporter-rakesh

राकेश जी  पांच साल से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। उन्‍होंराकेश जी ने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। राकेश जी ने अपनी मेहनत के बल पर ट्रांसपोर्टस का काम आगे बढाया।आज राकेश जी  के पास पांच ट्रक है जो कि उनकी मेहनत का ही नतीजा है। राकेश जी अपने ट्रांसपोर्टस के बिजनेस को ओर आगे बढाना चाहते है इस लिए ऐसी ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है जिससे की उनको उनके खाली ट्रक के लिए माल मिल सके। राकेश जी ने बताया कि जब से जीएसटी लगी है तब से ट्रांसपोर्टस लाइन में यह चेंज देखने को मिला है कि दो नंबर का काम बंद हो गया है। ट्रांसपोर्टस का बिजनेस ऑनलाइन हो गया है। उन्‍होंने बताया कि अब सारा काम ऑनलाइन सिस्‍टम से होने लगा है  राकेश जी ने बताया कि पिछले पांच सालों में ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी चेंज देखने को मिले है। पहले ड्रावइर लोग ईमानदार थे। अब के समय में ड्राइवर लोग इतने ईमानदार नही है। ईमानदारी खत्‍म हो गई है अब। ड्राइवर कहीं पर गाडी को छोड कर भाग जाते है। राकेश जी गाडियों में अंडरलोड ही डालते है। उन्‍हे अपनी गाडियों में ओवरलोड डालना पसंद नही है उनका कहना है कि ओवरलोड डालने से गाडी को ही नुकसान होता है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी में रखा हुआ माल और गाडी दोनाें ही सुरक्षित रहते है। उनका कहना है कि इस लाइन मेें खर्चे काफी बढ गए है। पहले खर्चे कम थे और कमाई ज्‍यादा थी। पहले डीजल के रेट कम थे और भाड़ा अच्‍छा मिलता था। लेकिन अब डीजल के रेट ज्‍यादा है और भाडा कम है। भाडे के रेट कम मिल रहे है उस हिसाब से खर्चा नही निकल पाता गाडी का। राकेश जी ने सुझाव दिया कि टोल टैक्‍स और इंश्‍योरेंस पर ध्‍यान दे सरकार और इसे कम करें ताकि ट्रांसपोर्टस को भी  कुछ बच सके।

 

 

 

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