transporter lalit ने अपनी मेहनत से बनाए 56 ट्रक

ललित जी पिछले आठ वर्षों से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। उन्‍होंने अपने काम की शुरूआत एक ट्रक  से की थी। इस लाइन में लगातार मेहनत से उन्‍होंने अपने 56 ट्रक बनाए है। उनका कहना है कि ईश्‍वर के आशीर्वाद से वे आज इस मुकाम पर पहुंचे है। उनका कहना है कि यदि कोई भी काम लगन व मेहनत से किया जाए तो उसमें सफलता जरूर मिलती है।ललित जी का कहना है कि जीएसटी लगने से दो नम्‍बर का काम बंद हुआ है। ईव वे बिल के कारण टाइम बच रहा है और गाड़ी जल्‍दी आ जा रही है। इससे सेल्‍स टैक्‍स वाले भी अब परेशान नहीं कर पाते है।   ललित जी ओवरलोड को गलत मानते है। उनका कहना है कि कुछ गाड़ी वाले ओवरलोड वाहनों को सडको पर दौडाते है, जोकि गलत है। इससे एक्‍सीडेंट बहुत होते है। लेकिन कई बार खर्च पूरा न होने के कारण गाड़ी में ओवरलोड डालना पड़ता है। सरकार को ऐसी पालिसी बनानी चाहिए जिससे ओवरलोड पूरी तरह बंद हो जाए। अगर कानून बन जाएगा तो कोई भी ओवरलोड माल नहीं डालेगा। उनका कहना है कि जीपीएस से ट्रांसपोर्ट लाइन को काफी सहूलियत हो गई है।अबगाड़ी की चिंता भी खत्‍म हो गई है। गाड़ी कही पर भी हो, गाड़ी मालिक को पता चल जाता है कि गाड़ी कहां पर है और किस स्‍पीड से चल रही  है। ललित जी का कहना है कि इस लाइन में सबसे बडी समस्‍या यह है कि जगह जगह पर पुलिस को पैसे देने पडते है। गाडी को खरीदने से लेकर सडक पर चलाने तक पैसा खर्च करना पडता है।  इतनी आमदनी नहीं होती, जितने टोल टैक्‍स, इंश्‍योरेंस के किस्‍ते चुकानी पडती है। पेट्रोल के रेट बढते रहते है, लेकिन भाडा नहीं बढता। उनका  सुझाव है कि सरकार को डीजल के रेट कम करने चाहिए।  भाडा भी बढाना चाहिए। इसे अलावा टोल टैक्‍स भी कम होने चाहिए।

 

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