सरकार कुछ अच्‍छा लेकर आए ट्रांसपोर्टस के लिए : transporter-furkan

सहारनपुर के रहने वाले फुरकान जी पिछले चार साल से ट्रांपोर्ट लाइन में काम कर रहे है। उन्‍होंने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। फुरकान जी ने बताया कि उन्‍होंने ट्रांसपोर्टस लाइन मे करियर बनाने के लिए खूब मेहनत की। दिन रात मेहनत कर फुरकान जी ने तीन ट्रक बनाए। फुरकान जी ने बताया कि वे मोबाइल का प्रयोग करते है। उनका कहना है कि मोबाइल के प्रयोग से ट्रांसपोर्टस के काम को आगे बढाने में काफी मदद मिलती है। इससे काम करना आसान हो जाता है। फुरकान जी ऐसी ऑनलाइन सुविधा का प्रयोग करना चाहते है जिससे उन्‍हे उनके खाली ट्रक के लिए माल मिल सके। ऑनलाइन सुविधा के साथ जुडकर अपने काम को और बढाना चाहते है। फुरकान जी ने बताया कि जीएसटी लगने के बाद परेशान नही होना पडता। बार्डर पर आसानी से गाडी आ जा सकती है। पहले काफी परेशानी होती थी। गाडी को बार्डर पार कराने में काफी समय लग जाता था। लेकिन जीएसटी लगने के बाद ये समस्‍या खत्‍म हो गई है। फुरकान जी ने बताया कि पिछले पांच सालों में यह चेंज आया है कि काम ठीक चल रहा है। ट्रांसपोर्ट लाइन में परेशानी खत्‍म हो गई है।फुरकान जी अनुसार डीजल के रेट बढते है तो गाडियों का भाडा तो बढना ही चाहिए। फुरकान जी का कहना है कि गाडियों में  गाडियों को अंडरलोड चलाना ही सही रहता है। अंडरलोड गाडी चलाने से ड्राइवर भी सेफ रहते है। अंडरलोड गाडी चलाने से गाडी में रखा हुआ माल भी सुरक्षित रहता है ।गाडी के टायर भी सुरक्षित रहते है। फुरकान जी बताया ट्रांसपोर्ट बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत तो टोल टैक्‍स को लेकर आ रही है। गाडियों के टोल के रेट काफ बढ गए है। गाडी के इंश्‍योरेंस के रेट भी काफी बढ गए है पहले के मुकाबले और पुलिस वाले परेशान करते है। फुरकान जी ने सुझाव दिया कि सरकार कुछ और अच्‍छा लेकर आए हम ट्रांसपोर्टस के लिए जिससे ट्रांसपोर्टस का काम बढिया से चल सके।

 

 

 

 

 

 

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