ट्रांसपोर्टर कुलदीप मानते है कि ई वे बिल से हो रही है दिक्‍कत

*टोल टैक्‍स और रोड टैक्‍स में एक ही होना चाहिए, 10 सालों मेंं कुलदीप जी ने बनाए पांच ट्रक

युवा ट्रांसपोर्टर कुलदीप मानते है कि ई वे बिल से ट्रांसपोर्ट बिजनेस में दिक्‍कत आ रही है। सरकार को इसकी खामियाें की ओर ध्‍यान देना चाहिए। हालांकि उनका मानना है कि ई वे बिल सरकार की एक अच्‍छी सोच है, लेकिन इसे लागू करने से पहले इसकी दिक्‍कतों  को समझ कर दूर करना चाहिए था। कुलदीप सिंह जोधपुर के रहने वाले है। 32 साल के कुलदीप  जी पिछले 10 सालों से इस बिजनेस में है।  उन्‍होंने एक ट्रक से काम की शुरूआत की थी। अपनी कडी मेहनत से उन्‍होंने 10 सालों मेंं पांच ट्रक बना लिए। वह ट्रांसपोर्ट लाइन में बढते आनलाइन सिस्‍टम को अच्‍छा मानते है। वे खुद मोबाइल  के साथ साथ कंप्‍यूटर और इंटरनेट का प्रयोग करते है। कुलदीप जी कहते है कि अब तो ऑनलाइन माल मिल जाता है। इससे समय के साथ साथ पैसे भी बचते है। उनका मानना है कि जीएसटी लगने से मार्केट में ट्रांसपोर्ट का काम डाउन हुआ है। जीएसटी लगने का कुछ खास असर नही हुआ है ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में। वे बताते है कि जब ट्रांसपोर्टस का काम शुरू किया था तो भाडे कम थे और डीजल के रेट भी ज्‍यादा नही थे। अब डीजल के रेट भी काफी बढ गए है और भाडे के रेट काफी कम हुए है। उनका मानना है कि डीजल का रेट बढता है तो भाडे का रेट भी बढना चाहिए। कुलदीप जी गाडियों में ओवर लोड को सही नही मानते है। ट्रांसपोर्ट बिजनेस की दिक्‍कतों के बारे में उनका कहना है कि गाडियों को लोडिंग के लिए माल और सही भाडा नही मिल पाता है। ट्रांसपोर्ट बिजनेस में खर्चे काफी अधिक है। ट्रांसपोर्टर को रोड टैक्‍स के साथ साथ टोल टैक्‍स भी देनउा पडता है। सरकार को चाहिए कि रोड टैक्‍स और टोल टैक्‍स में कोई एक ही लें, इससे ट्रांसपोर्टर पर खर्चों का बाेझ थोडा कम होगा।

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