ट्रांसपोर्ट बिजनेस में टैक्‍स कम हो : हरीश जी

*पिता के साथ मिलकर 40 ट्रक बनाए Transporter हरीश जी ने, दो ट्रकों से की थी काम की शुरुआत

Transporter हरीश जी ने अपने पिताजी के साथ मिलकर ट्रांसपोर्ट बिजनेस में काफी मेहनत की है। उन्‍हें इस लाइन का लंबा अनुभव भी है। हरीश जी जोधपुर के रहने वाले है।  वे बताते है कि उन्‍होंने इस लाइन में सन् 1990  से काम शुरू किया था। हमारे पिता जी भी ट्रांसपोर्ट लाइन से जुडे हुए है । पिता जी से ही ट्रांसपोर्ट का सारा काम सीखा और  अब मुझे भी ट्रांसपोेर्ट लाइन में आए हुए 28 साल हो गए है। हरीश जी ने बताया कि हमने दाे ट्रकों से काम की शुरूआत की थी। पिता जी के साथ काम कर के, पिता जी और मैंने 40 ट्रक अपनी मेहनत से तैयार किए है। हरीश जी मोबाइल, कंप्‍यूटर और इंटरनेट का प्रयोग करते है। उनका मानना है कि अब ट्रांसपोर्ट बिजनेस में खर्चे काफी बढ गए है, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। अब ट्रक की कीमत से लेकर पार्टस और टायर के रेट काफी बढ चुके है। पहले टैक्‍स कम होते थे, जबकि अब टैक्‍स बढ गए है। साथ ही टोल टैक्‍स भी देना पडता है। खर्चे के हिसाब से भाडा नहीं बढा है। उनका मानना है कि गाडियोंं में ओवरलोड नहीं होना चाहिए। ओवरलोड को रोकने के लिए सरकार को कडे नियम बनाने चाहिए। उनका कहना है कि डीजल के रेट बार  बार बढते है तो भाडा भी बढना चाहिए। बार बार डीजल के रेट बढने पर इसका नुक्‍सान ट्रांसपोर्टर्स को ही उठाना पडता है। उनका मानना है कि जीएसटी के बाद कोई खास बदलाव नहीं आया है। हां, अब रास्‍ते में जगह जगह कागज चेक नहीं करवाने पडते है। इससे समय बच जाता है और माल जल्‍दी पहुंच रहा है। सरकार से वे चाहते है कि ट्रांसपाेर्ट लाइन में टैक्‍स कम किए जाए। टोल टैक्‍स और रोड टैक्‍स में कोई एक ही होना चाहिए। साथ ही भाडे का रेट किलोमीटर के हिसाब से होना चाहिए।

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