डीजल के रेट बढते है लेकिन भाडा वही का वही रहता है : transporter sukhvinder singh

लुधियाना के रहने वाले सुखविन्‍द्र जी पिछले 10 साल से ट्रांसपोर्ट लाइन में है।सुखविन्‍द्र जी ने दो ट्रको के साथ अपना काम शुरू किया था अब सुखविन्‍द्र जी के पास अपने 20 ट्रक है। उनका कहना है क‍ि वाहेगुरु के आशीर्वाद से वह इस मुकाम पर पहुंचे है । वे कहते है कि ट्रांसपोर्ट लाइन में मेहनत करने वालों को सफलता जरूर मिलती है।  इस बिजनेस पर सारे बिजनेस डिपेंड है। अगर काम कभी मंदा हाे तो हिम्‍मत नहीं हारनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि आनलाइन सिस्‍टम से ट्रांसपोर्ट लाइन को फायदा जरूर हो रहा है। ई वे बिल ने इस लाइन की आधी परेशानी दूर कर दी है। पहले रास्‍ते भर सेल्‍स टैक्‍स वाले परेशान करते थे, फिर बार्डर पर कागज चेक करवाने के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता थ। ई वे बिल आने के बाद अब बार्डर पर ट्रक को पेपर चेक कराने के लिए नहीं रूकना पडता, ट्रक माल लेकर जल्‍दी पंहुच जाता है। उन्‍होंने कहा कि पिछले पांच सालों में ज्‍यादा चेंज नही आया है। पहले काम ज्‍यादा था अब काम कम हो गया है। उन्‍होंने कहा कि बरसात के दिनों में सडको की हालत काफी खस्‍ता हो जाती है, जिससे एक्‍सीडेंट का खतरा बढ जाता है। बरसात के दिनों में सडकों को लेकर दिक्‍कत ज्‍यादा आती है , वैसे सब ठीक है। सुखविन्‍द्र जी का कहना है डीजल के रेट बढते है लेकिन भाडा वही का वही रहता है। पिछले 20 सालों में ट्रांसपोर्ट के खर्चे दुगने से अधिक हो गए है, लेकिन भाड़ा उतना नहीं बढा है। पहले रोड टैक्‍स  देते थे, अब रोड टैक्‍स के साथ साथ टोल टैक्‍स भी देना पड़ता हे। सरकार को एक टैक्‍स ही लेना चाहिए, या रोड टैक्‍स लें या फिर टोल टैक्‍स होना चाहिए। सुखविन्‍द्र जी का सुझाव है कि गाडियों की बुकिंग का काम एक जगह पर ही होना चाहिए जिससे छोटे मोटे ट्रांसपोर्टस का काम खराब न हो और सब को फायदा हो।

 

 

 

 

 

 

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