आनलाइन सुविधा से बिजनेस को बढने में मदद मिली : transporter-satnam singh

सतनाम सिंह जी पिछले 20 साल से ट्रांसपोर्ट की लाइन में काम कर रहे है। सतनाम जी का कहना है कि उन्‍होंने ट्रांसपोर्ट लाइन में एक ट्रक से अपने काम की शुरूआत की थी, लगातार कठिन परिश्रम व ईश्‍वर के आर्शीवाीद से आज उनके पास अपने 10 ट्रक है। इनका कहना है कि यदि व्‍यक्ति अपने लक्ष्‍य को याद रखकर उस लाइन में मन लगाकर मेहनत करे तो उसके श्रम का फल जरूर मिलता है।सतनाम जी का कहना है कि वह मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल करते है, क्‍योंकि आनलाइन सुविधा ने उनके बिजनेस को बढने में मदद की है। एक तरफ जहां पैसे के लेन देन में काफी दिक्‍कत होती थी, अब वह दिक्‍कत नहीं है। जीपीएस लगने की वजह से गाडियों की सही लोकेशन का पता चलता रहता है। आनलाइन सुविधा से दो नम्‍बर के कामों पर भी कहीं हद तक अंकुश लगा है। इसके साथ ही ट्रांसपोर्ट लाइन से जुडी सारी गतिविधयिों के बारे में भी हम पता कर सकते है। सतनाम जी का कहना है कि डीजल के रेट कम करे दूसरा टोल टैक्‍स को हटा देना चाहिए, क्‍योंकि इतना बडा सफर नहीं होता जितना टोल टैक्‍स ड्राइवरों द्वारा दिया जाता है। उनका कहना है कि इस तरह तो ट्रांसपोर्टस को नुकसान हो रहा है।जीएसटी लगने के बाद खर्चे बढ गए है। ट्रांसपोर्ट लाइन में टोल टैक्‍स, पेट्रोल व डीजल के दामों मेें बढोतरी होने से ड्राइवरों का भी खर्च पूरा नहीं होता। इतना ही नहीं गाडियों की सर्विस करवाने पर भी काफी पैसा खर्च हो जाता है। यह ट्रांसपोर्ट लाइन में एक अहम समस्‍या है।उनका मानना है कि डीजल व पेट्रोल के रेट बढते है तो भाडा भी बढना चाहिए। सतनाम जी का कहना है कि अंडरलोड सही है, क्‍योंकि ओवरलाेडिड वाहनों की वजह से ड्राइवर की जान काे खतरा बना रहता है। इसलिए ओवरलोड वाहनों पर भी  रोक होनी चाहिए।

 

 

 

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