ट्रांसपोर्ट लाइन में पुलिस वाले बहुत परेशान करते है: transporter karamjeet singh

कर्मजीत सिंह जी पंजाब में सानेवाल के रहने वाले है।  वे ट्रांसपोर्टस लाइन में यूनियन के साथ मिलकर काम करते है।  इनकी यूनियन  में 300 से लेकर 350 गाडियां है। कर्मजीत सिंह कहते है कि वाहेगुरु की कृपा से काम बढिया  चल रहा है। कर्मजीत सिंह बताते है कि जब ट्रांसपोर्टस का काम शुरू किया था तब से लेकर अब तक इस लाइन में काफी चेंज आया है।  चेंज यह देखने को मिला है कि इंश्‍योरेंस और डीजल के रेट काफी बढ गए है। गाडी को अब माल भी समय पर नही मिल रहा है। कंपटीशन  काफी बढ गया है।  सबसे बड़ा चेंज ट्रांसपोर्ट लाइन के आनलाइन होने से हुआ है। अब ऑनलाइन  माल के लिए गाडी को आसानी से बुक करवा सकते है। भाड़ा भी आनलाइन खाते में आ जाता है। इससे काम आसान हुआ है। इसी रतह गाडियों में जीपीएस के लगे होने से काफी फायदा होता हे ।अगर आप की गाडी शहर से बाहर गई है तो आप  जीपीएस की सहायता से आसनी से चैक कर सकते है। गाडी में जीपीएस लगा हो तो गाडी वाला कंपनी को बता सकता है कि उनका माल कहां तक पहुंच गया है और कब तक माल कंपनी तक पहुंच जाऐगा जो कि जीपीएस की सहायता से देखना आसन हो गया है। इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन को कुछ खास फायदा नही हुआ है, लेकिन ई वे बिल के आने से व्‍यपारियों को काफी फायदा हो रहा है। कर्तजीत सिंह का कहना है कि गाडियों में ओवरलोड नही होना चाहिए गाडियाें को अंडरलोड चलाना सही रहता है। अंडरलोड गाडी को चलाने से किसी भी तरह की परेशानी नही आती है । गाडी सेफ भी रहती है गाडी की सेफटी बनी रहती है। गाडी में पडा माल भी सेफ रहता है। गाडी की रिपेयर और मिनटेनस पर कम खर्च होता है। वे बताते है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत तो यह आ रही है कि पुलिस लोग बहुत परेशान करते है। इस बिजनेस में कपंटीशन  के बढने से गाडी के भाडे के रेट नही बढते है। इनका कहना है कि सरकार ने गाडी के टन बढा कर अच्‍छा काम नही किया है । 19 टन की ही गाडी सही रहती है। इनका कहना है कि गरीब आदमी ताे 19 टन की ही गाडी ले सकता है। हमने 19  टन की गाडी ली, सरकार ने गाडियों में 24 टन की गाडी पास कर दी । इनका मानना है कि टन के बढने से एक नंबर में काम करने वालो को दिक्‍कत आती है।

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