जीएसटी को ट्रांसपोर्ट बिजनेस के लिए वरदान मानते हैं कान्‍हा रोडलाइंस के मनीष शर्मा

मनीष शर्मा का मानना है कि जीएसटी के बाद ट्रांसपोर्ट बिजनेस को फायदा हुआ है। इससे समय के साथ साथ पैसा भी बच रहा है। मनीष शर्मा ने और क्‍या कहा, आइए जानते हैं……..

आप कितने साल से टांसपोर्ट व्यवसाय में है ?

करीब नौ साल से

पहले कितने ट्क थे और आज कितने हैं ?

अपने खुद के ट्रक नहीं हैं।

आप मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्‍तेमाल करते है ?

हॉ, करता हूं।

क्या आप ऑनलाइन ऐसी सुविधा का उपयोग करना चाहेंगे जिसमे आप अपने खाली ट्रक के लिए माल ढूंढ पाए?

जी हां, अगर आनलाइन माल मिलता है तो जरूर करूंगा।

पहले के मुकाबले अब ट्रक चेसिस और ट्रक पार्टस की क्‍वालिटी में कितना फर्क आया है ?

अब पहले जैसे बात नहीं है। अब एक बडी कंपनी के ट्रक की लाइट बारिश में धुंधली हो जाती है।

इस व्यवसाय में पिछले 10 सालों में कितना बदलाव आया है ?

अब बडी संख्‍या में लोग इस बिजनेस में आ रहे हैं। जीएसटी आने के बाद काफी फायदा हुआ है। पहले बार्डर पर काफी समय लगता था। जीएसटी के बाद समय और खर्चा दोंनों बच रहे हैं।

गुडस टैक्स और रोड टैक्स 10 सालो में कितना बढे और क्या उस अनुपात में आय बढी है ?

टैक्‍स काफी बढ गए हैं। कई जगह ऐसे टोल टैक्‍स है जिननकी मियाद पूरी हो चुकी है और उन्‍हें  बंद होने चाहिए। इसके बावजूद वे अब तक खुले हुए है।  गुरुग्राम का टाल टैक्‍स भी उनमें से एक है।

डीजल के दाम में बार-बार बढोतरी होने पर क्या भाडा भी बढना चाहिए ?

हां, बढना चाहिए।

ओवरलोडिड पर रोक को क्या आप सही मानते है ?

ओवर लोड नहीं होना चाहिए। इससे एक तो गाडी सेफ रहती है। साथ ही एक्‍सीडेंट का खतरा भी कम हो जाता है।

ट्रासंपोर्ट व्यवसाय को किन मुश्किलों का सामना करना पड रहा है ?

खर्चे और डीजल का रेट लगातार बढ रहा है, लेकिन भाडा उस अनुपात में नहीं बढ रहा है।

सरकार से आप क्या चाहते हैं ?

टोल टैक्‍स बहुत अधिक है। इसे कम करना चाहिए।

 

 

 

 

 

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