ओवरलोड से होता है ट्रांसपोर्टर को नुकसान : ट्रासंपोर्टर नीरज

ट्रांसपोर्टर नीरज कहते हैं कि ट्रांसपोर्टर में एकता होनी चाहिए। यदि वे एकजुट होंगे तो अपना हक ले सकेंगे। आइए जानते है नीरज की राय …..

आप कितने साल से टांसपोर्ट व्यवसाय में है ?

छह साल से हूं।

पहले कितने ट्क थे और आज कितने हैं ?

पहले नौ ट्रक थे और अब चार हैं।

आप मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्‍तेमाल करते है ?

हां, सभी इस्‍तेमाल करता हूं।

क्या आप ऑनलाइन ऐसी सुविधा का उपयोग करना चाहेंगे जिसमे आप अपने खाली ट्रक के लिए माल ढूंढ पाए?

जरूर। वैसे मैं आनलाइन बुकिंग करता हूं।

पहले के मुकाबले अब ट्रक चेसिस और ट्रक पार्टस की क्‍वालिटी में कितना फर्क आया है ?

अब जो ट्रक आ रहे हैं, उनमें एवरेज बढ गई है, लेकिन खर्चा बढ गया है।

इस व्यवसाय में पिछले 10 सालों में कितना बदलाव आया है ?

दस साल पहले डीजल का रेट 35 रुपए लीटर था और आज 65 रुपए तक पहुुंच गया है। जिस अनुपात में डीजल का रेट बढा है, उस अनुपात में मालभाडा नहीं बढा है।

गुडस टैक्स और रोड टैक्स 10 सालो में कितना बढे और क्या उस अनुपात में आय बढी है ?

नहीं आय में इजाफा नहीं हुआ है। छह साल पहले तक चंडीगढ से हैदराबाद तक 4500 से 5000 रुपए तक टोल टैक्‍स  देना पडता था। अब 12000 रुपए देने पड रहे है।

डीजल के दाम में बार-बार बढोतरी होने पर क्या भाडा भी बढता है ?

नहीं भाडा नहीं बढता।

ओवरलोडिड पर रोक को क्या आप सही मानते है ?

ओवरलोड नहीं होना चाहिए। इससे  ट्रांसपोर्टर को ही नुकसान होता है।

ट्रासंपोर्ट व्यवसाय को किन मुश्किलों का सामना करना पड रहा है ?

दलालोें की वजह से रेट सही नहीं मिल पाता। कई बार माल मिलना मुश्किल हो जाता है।

सरकार से आप क्या चाहते हैं ?

टैक्‍स कम होने चाहिए। यदि डीजल के रेट बढ तो भाडा भी बढना चाहिए।

युवा टांसपोर्टरो को आप क्या संदेश देना चाहेंगे ?

ट्रांसपोर्टर में एकता होना चाहिए। एकजुट होंगे तो अपना हक ले सकेंगे।

 

 

 

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