ट्रांसपोर्ट लाइन को आनलाइन सिस्टम से फायदा हुआ है : transporter-shamsher-singh
पंजाब के भंटिडा के रहने वाले समशेर सिंह ने ट्रांसपोर्ट बिजनेस में कम समय में ही कामयाबी हासिल की है। समशेर सिंह सही मायनोे में उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो ट्रांसपोर्ट लाइन में अपना भविष्य बनाने की सोच रहे है। समशेर सिंह जी आठ सालों से ट्रांसपोर्ट लाइन में है। इन्होंने छोटी गाडियों से काम की शुरूआत की थी। अब इनके पास 10 ट्रक अपने है। आइए जानते है कि इन्होने इस लाइन में कैसे कामयाबी पाई। समयोर सिंह जी ने छोटी गाडियों पर अपना हाथ खोलकर पैसे कमाने शुरू किए । फिर धीरे धीरे पैसा जोडना शुरू किया। एक एक करके गाडी खरीदनी शुरू की और अपना काम बढाया। फिर धीरे धीर एक से दो ट्रक और दो से तीन ट्रक बनाए। समशेर सिंह मोबाइल का इस्तेमाल करते है। उनका मानना है कि ट्रांसपोर्ट लाइन को आनलाइन सिस्टम से फायदा हुआ है। वे ऐसी ऑनलाइन सुविधा से जुडना चाहते है जिससे काम को बढाने में मदद मिले। उनका कहना है कि जीएसटी का हमारे काम पर असर पड़ा है। पहले काम अच्छा था अब तो मार्केट में कम्पटीशन काफी बढ गया है। उनका मानना है कि डीजल के रेट बढते है तो भाडा तो सरकार को बढाना ही चाहिए। ओवरलोड के बारे में उनका कहना है कि ओरवरलोड नहीं होना चाहिए। सरकार एक रूल बनाकर यह सुनिश्चत करें कि सभी गाडियों में माल अंडर लोड ही होना चाहिए। अगर गाडियों में माल ओवरलोड है तो सभी ओवरलोड ही गाडी चलनी चाहिए। अंडर लोड और ओवर लोड के चक्कर में ड्राइवरों का काम खराब होता है। ट्रांसपोर्ट लाइन की दिक्कतों के बारे में उनका कहना है कि बिजनेस में तो सबसे बडी दिक्कत यह आई है कि टोल के रेट काफी बढ गए है। गाडियों में इंश्योरेंस भी काफी हद तक बढी है। सरकार को एक फिक्स रूल बनाना चाहिए कि गाडी ओवरलोड चलेगी या अंडरलोड। सरकार को टैक्स भी कम करने चाहिए।
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