आनलाइन सिस्टम से ट्रांसपोर्ट का काम आसान हो गया है : transporter-harnek-singh
हरनेक सिंह जालंधर के रहने वाले है। ट्रांसपोर्ट उनका पुश्तैनी काम है। उनके दादा भी इस लाइन से जुडे थे। हरनेेक सिंह के पास चार ट्रक है। उनका कहना है कि इस लाइन मेे मेहनत बहुत करनी पड़ती है। लेकिन अब आनलाइन सिसटम से ट्रांसपोर्ट का काम आसान हो गया है। गाडि़यों को आनलाइन माल मिल जाता है। गाडि़यों के कागज बनाने हो तो वो भी आनलाइन बन जाते है। गाड़ी में तेल भी आनलाइन डल जाता है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से भी काफी फायदें है। गाडी के बारे में हर जानकारी मिलती रहती है। गाडी कहां पर खडी है, किस स्पीड से चल रही है, कहां पर पहुंच गई है। जीपीएस लगी गाडियों के चोरी होने का डर नही रहता है। हरनेक सिंह जी गाडियों में अंडरलोड डालते है । उनका कहना है कि अंडरलोड माल डालने से गाडी सुरक्षित रहती है। गाडी में रखा हुआ माल सुरक्षित रहता है और ड्राइवर की जान भी सुरक्षित रहती है। हरनेक सिंह का कहना है कि इन दिनों मार्केट में काफी मंदी छाई हुई है । मार्केट में मंदी की वजह से गाडियों को आसानी से माल नही मिल पा रहा है। मार्केट के डाऊन होने से ट्रांसपोट्रस का काम भी मंदा ही चल रहा है। गाडियां कई कई दिन तक खाली खडी रहती है।
उनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है आज के समय मे गाडी के खर्चे ज्यादा है गाडी से इंकम कम है पहले इंनकम ज्यादा थी गाडी के खर्चे कम थे। उनका कहना है कि इस समय मार्केट के डाऊन होने से ट्रांसपोर्टस का काम भी मंदा ही चल रहा है। जब से नोट बंदी हुई है तब से मार्केट डाऊन ही चल रही है। इंडस्टी में काम नही है। गाडियों को माल नही मिल रहा है जिसकी वजह से कई कई दिन गाडियां खाली खडी रहती है। पहले डीजल के रेट कम थे। अब डीजल के रेट काफी ज्यादा है। डीजल के रेट आए दिन बढने से भी भाडे के रेट नही बढ पा रहे है। हरनेक सिंह जी का सुझाव है कि गाडी के खर्चे कम होने चाहिए।
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