नए मोटर व्हीकल एक्ट में चालना के रेट कम होने चाहिए: transporter-paramhans
यूपी के रहने वाले परमहंस जी ने बताया कि वह ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी सालों से काम कर रहे है। परमहंस जी मार्केट से गाडियों को लेकर गाडियों को बुक करने का काम करते है। परमहंस जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस का काम बढिया चल रहा है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से ट्रांसपोर्टस लाइन का काम मंदा चल रहा है। मार्केट में माल की कमी होने की वजह से ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में परेशानी आ रही है। परमहंस जी ने बताया कि ई वे बिल के आने से ट्रांसपोर्टस लाइन में काफी तरह के बदलाव देखने को मिलते है। अब गाडियों को बार्डर पर बार बार चैकिंग के लिए नही रोकते है हाथ में ई वे बिल हो तो गाडी को सीधा जाने दिया जाता है। ई वे बिल के आने से बार्डर से बैरियर हट गए है। हर राज्य में एंटरी करने पर जो पर्ची बनती थी वो सिस्टम भी अब खत्म हो चुका है। अब राज्य पर एंटरी की अलग से पर्ची नही बनवानी पडती है। परमहंस जी ने बताया कि वह अपनी गाडियों को अंडरलोड ही चलाना पसंद करते है अंडरलोड गाडी को चालने से दुर्घटना होने के चांस कर रहते है। गाडी मे रखा हुआ माल सुरक्षित रहता है।परमहंस जी ने बताया कि फास्ट टैग के चालू होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को यह फायदा हुआ है कि अब गाडी को टोल बैरियर पर रूक कर गाडी के टोल का भुगतान नही करना पडता है गाडी सीधा ही टोल बैरियर से निकल जाती है जिससे की ट्रांसपोर्टस का काफी समय बच जाता है। परमहंस जी ने बताया कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के शुरू होने से ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फायदा हो रहा है दुर्घना कम हाने लगी है और लोग हेवी चालान के डर से लोग यातायात नियमों का अच्छे से पालन कर रहे है। नए मोटर व्हीकल एक्ट से देश मे सुधार देखने को मिलेगा। परमहंस जी ने बताया कि ट्रांसपोर्टस के बिजनेस में सबसे ज्यादा दिक्कत तो इस बात को लेकर आ रही है डेढ महीने से ट्रांसपोर्टस लाइन का बुरा हाल हो गया है मार्केट में माल की इतनी कमी हो गई है कि गाडी को माल ही नही मिल रहा है। पार्टी वालों के आर्डर आ ही नही रहे। गाडी के खर्चे काफी बढ गए है। परमहंस जी ने सुझाव दिया कि नए मोटर व्हीकल एक्ट में चालना के रेट कम होने चाहिए।
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