ट्रांसपोर्ट से टैक्‍स कम करें सरकार : transporter gurpreet singh

गुरप्रीत सिंह जी लुधियाना के रहने वाले है। इन्‍होंने एक गाडी के साथ ट्रांसपोर्टस के काम की शुरूआत की थी। आज इनके पास  पूरे परिवार की मिलाकर बीस गाडियां है।  इनका कहना  है कि इनका ट्रांसपोर्टस का बिजनेस  बढिया चल रहा है। आनलाइन सिस्‍टम से काम और बढिया हो गया है। गाडियों में जीपीएस के लगे होने से गाडियों को काफी फायदा होता है।  हम जीपीएस की सहायता से गाडी को आसनी से देख लेते है कि गाडी कहां पर खडी है और किस स्‍पीड पर चल रही है, यह बहुत बढिया सिस्‍टम है। अब ई वे बिल का जमाना है। इनका कहना है कि ओवरलोड गलत हे , लेकिन कंपनी वाले माल ही ओवरलोड देते है इस लिए गाडियों में ओवरलोड डालना पड़ता हे। इनका कहना है कि यादि कंपनी वाले ओवरलोड माल न दे तो हम अपनी गाडियों को अंडरलोड ही चलाना पंसद करते है लेकिन कंपनी वाले प्रेशरर डालते है कि गाडी को ओवर लोड करोगे तो ही माल मिलेगा नही तो हम कोई दूसरा ट्रांसपोर्टस बुक कर लेगे इस लिए मजबूरी में डालते है गाडियों में ओवरलोड। इनका कहना है कि इस बिजनेस में सबसे बडी दिक्‍कत यह आ रही है कि गाडी के लिए ड्राइवरों की कमी हो रखी है। ट्रेंड ड्राइवर जल्‍ल्‍दी मिलते नहीं है। अगर ड्राइवर बढिया हो तो गाड़ी मालिक की टेंशन दूर हो जाती है। उनका कहना है कि इस लाइन में खर्चे काफी बढ गए है। सरकार ट्रांसपोर्टस से रोड टैक्‍स भी लेती है और टोल टैक्‍स भी। जबकि दोनों में से एक ही टैक्‍स होना चाहिए। डीजल का रेट भी रोज बढता रहता  है। गाड़ी की थर्ड पार्टी इंश्‍योंरेस बहुत ज्‍यादा हो गई है। इस लाइन से लाखोें दूसरे लोगोेंको भी रोजगार मिला हुआ है, इसके बावजूद सरकार ने इस लाइन को कोई राहत नहीं दी है।  सरकार को चाहिए कि ट्रांसपोर्ट से टैक्‍स कम करें।

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