कंप्टीशन बढने से घटी है ट्रांसपोर्टर्स की कमाई : transporter-harpal-singh
हरपाल सिंह जी पंजाब के जिरकपुर के रहने वाले है। ये सन 1980 से इस लाइन में है। इन्हे ट्रांसपोर्ट लाइन का लंबा अनुभव है। वे कहते है कि मैने वो समय भी देखा है जब डीजल के रेट दो रुपए लीटर था।उस समय ट्रांसपोर्ट लाइन में उतने खर्चे नहीं थे। तब काम करने वाले भी कम लोग थे। ट्रांसपोर्ट की कमाई देखकर बहुत सारे लोग इस धंधे मेें आ गए । आज भी नए लोग इस धंधे में आ रहे है। इससे कंपटीशन बढ गया। ट्रांसपोर्ट की कमाई कम होने का एक यह भी कारण है। अब तो डीजल 70 रुपऐ पर पहुंच गया है। इस लाइन में खर्चे भी बहुत बढ गए है। अब पहले जितनी कमाई नहीं है। अब इस लाइन में बहुत बदलाव आया गया है। अब हर काम आनलाइन होने लगा है। इनका कहना है ई वे बिल का काफी फायदा है ई वे बिल के आने से बैरियर उठ गए है। ई वे बिल के आने से दो नंबर का काम खत्म ही हो गया है। इनका कहना है कि गाडियों में ओवरलोड नही होना चाहिए ।गाडियों में ओवरलोड से गाडी को नुकसान होता है। ओवरलोड से टायर फटने का भी डर रहता है। अंडरलोड से गाडी को नुकसान नही होता और गाडी की बार बार रिपेयर नही करवानी पडती । गाडी की मेनटेनेंस बनी रहती है। उनका कहना है कि इस बिजनेस मे सबसे बडी दिक्कत यह आ रही है कि गाडी को माल भाडा नही मिल पाता है। उनका मानना है कि ऑनलाइन सिस्टम के होने से यह बिजनेस बढिया चलेगा। इनका सुझाव है कि माल और भाडे के रेट बढने चाहिए और गाडियों के इंश्योरेंस के रेट कम होने चाहिए। इंश्योरेंस के रेट कम होगे तो बढिया तरीके से चलेगा ट्रांसपोर्टस काम। सरकार को इस लाइन में टैक्स भी कम करने चाहिए। अगर कमाई बढेगी तो और लोग इस बिजनेस में आएंगे।
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