गाडियों के ज्यादा होने से काम कम हो गया : transporter-prem-singh
प्रेम सिंह जी पंजाब के डेराबंसी के रहने वाले है। इन्होने इस बिजनेस की शुरूआत एक गाडी के साथ की थी, अब इनके पास खुद की तीन गाडियां है। इनका कहना है कि जब से काम शुरू किया है तब से लेकर अब तक इस बिजनेस में जमीन और आसमान का फर्क आ गया है अब काम पहले से काफी कम हो गया है। इनका कहना है कि आज ट्रांसपोर्टस बिजनेस के ऑनलान होने से काफी फायदा होगा जैसे गाडियों में जीपीएस के लगने से गाडी का पता रहता है। जीपीएस का गाडी में लगने से गाडी की लोकेशन का पता रहता है कि गाडी कहां पर खडी रहती है और हम लोग भी पार्टी को बता पाते है कि माल कहां तक पहुंच गया है। इनका कहना है कि ई वे बिल के आने से कुछ खास फायदा नही हुआ है इसका फायदा तो व्यपारी लोगो को ही होगा। इनका कहना है कि अब यह बिजनेस एक तरह से ढप होता जा रहा है। ई वे बिल के आने से टैक्स काफी बढ गए है गाडियों पर 28 प्रतिशत टैक्स लगर रखा है ट्रांस पोर्टस के लिए तो कुछ फायदेमंद नही है। इनका कहना है कि अंडरलोड को सही मानते है। लेकिन जिन लोगो ने चोरी करनी है वो तो की ही लेते है। इनका कहना है कि पहले काम बहुत ही बढिया था पहले मार्केट में गाडिया कम थी तो काम बढिया चलता था लेकिन अब गाडियों के ज्यादा होने से काम कम हो गया है। इनका कहना है कि अब डीजल के रेट बढ गए है भाडे के रेट नही मिलते है। इंश्योरेंस और टैक्स के रेट काफी बढ गए है इनका कहना है कि हर तरह के काम मे मंदी आ गई है मार्केट में माल मिल नही रहा है तभी तो ट्रांसपोर्टर का काम मंदा चल रहा है।
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