फास्‍ट टैग के पैसे कम होने चाहिए : transporter-pawan-kumar

पवन कुमार जी डेराबस्‍सी के रहने वाले है। इनका कहना है कि इन्‍होंने एक ट्रक के साथ ट्रांसपोर्टस बिजनेस की शुरूआत की थी अब इनके पास खुद की तीन गाडियां है। इनका कहना  है कि इन्‍होंने ट्रांसपोटस के बिजनेस की शुरूआत सन 1999 में की थी उस टाईम में ट्रांसपोर्टस के बिजनेस मे बहुत ही बचत थी लेकिन अब  बचत रही नही इतनी इस काम में पहले के मुकाबले काम काफी कम हुआ है। इनका कहना है कि गाडियों में जीपीएस का  काफी फायदा  है। जीपीएस की सहायता से गाडी की लोकेशन का पता रहता है कि गाडी कहां पर है जो कि ट्रांसपोर्टस के लिए काफी मददगार है। ई वे बिल का ट्रांसपोर्टस लाइन को काफी फयदा हुआ है ई वे बिल से गाडी समय पर माल लेकर पहुंच जाती है जिससे समय की बचत हो गई है और ई वे बिल के आने से गाडी को बार बार बार्डर पर गाडी चैक करवाने के लिए नही रूकना पडता है। इनका कहना है कि ओवरलोड तो गाडियों के लिए बिल्‍कुल ही गलत है ओवरलोड गाडी करने से गाडी को नुकसान होता है। गाडी की रिपेयर पर ज्‍यादा पैसा खर्च करना पडता है जो कि गलत है। इस बिजनेस की सबसे बडी दिक्‍कत यह है कि पुलिस वाले बहुत तंग करते है गाडी वाले को कागज पूरे होने के वावजूद भी पैसे मांगते है और दूसरी दिक्‍कत यह है कि माल नही मिल रह गाडी लोडिंग के लिए ये चीजे परेशान कर रही है।  इनका सुझाव  है कि टोल टैक्‍स कम हो डीजल के रेट कम होने चाहिए और और जीएसटी बहुत ज्‍यादा लगा रखा है गाडियों पर , 28 प्रतिशत जीएसटी लगा  रखा है गाडियों पर  , वो चीज कम करनी चाहिए । सरकार को परमिट के रेट कम होने चाहिए । फास्‍ट टैग के पैसे बहुत ज्‍यादा चार्ज किए जाते है वो भी कम होने चाहिए।

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