गाडी के भाडे का रेट सरकार दवारा तय होना चाहिए : transporter-sukhpret-singh

भटिंडा के रहने वाले सुखप्रीत सिंह जी को अभी तीन से चार महीने ही हुए है ट्रांसपोर्ट लाइन में काम करते हुए। इनका कहना है कि हमारे पिता जी तो 35 सालों से ट्रांसपोर्ट का काम कर रहे है। । सुखप्रीत जी ने एक ट्रक से काम की शुरूआत की थी। आज इनके पास तीन ट्रक है। सुखप्रीत मोबाइल और इंटरनेट का प्रयोग करते है। सुखप्रीत जी ट्रक सुविधा डॉट कॉम से जुडना चाहते है। उनका कहना है कि जीएसटी लगने के बाद माल मिलने में दिक्‍कत आती है। भाडा कम मिलता है ट्रक यूनियन वाले भाडा कम देते है। वे कहते है कि डीजल के रेट आए दिन बढ जाते है। डीजल  के रेट बढने से भाडा तो बढना चाहिए लेकिन अभी भी भाडे के रेट बीस साल पुराने है। सुखप्रीत सिंह जी ने बताया कि गाडी अंडरलोड चलाने से भाडे के रेट सही नहीं मिलते है। गाडी को अंडरलोड चलाने से भाडे के रेट सही मिले तो फयदा होगा। गाडी को ओवरलोड चलाने से गाडी को ही नुकसान होता है। मजबूरी मे डालना पडता है ओवरलोड ताकि गाडी का खर्चा निकल सके। सुखप्रीत सिंह जी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में सबसे ज्‍यादा दिक्‍कते इस बात को लेकर आ रही है कि गाडी को माल नही मिल रहा है। ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में प्राइवेट ट्रांसपोर्ट कम रेट पर गाडी लोड करवा लेते है  इस तरह से वह काम को मंदा करने का काम कर रहे है।  वे सरकार से चाहते है कि टोल टैक्‍स और रोड टैक्‍स में से एक ही टैक्‍स लगना चाहिए। गाडी के इंश्‍योरेंस के रेट कम होने चाहिए और गाडी के भाडे का रेट सरकार दवारा तय होना चाहिए। अगर ट्रांसपोर्टय का काम कम हो गया तो देश में महंगाई बढेगी इसलिए सरकार को इस बिजनेस के लिए भी सोचना चाहिए।

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