बरनाला के Transporter कुलदीप सिंह कहते है कि भाडे के रेट फिक्‍स होने चाहिए

*  कुलदीप सिंह ने २० सालों मेंं बनाए तीन ट्रक, ट्रांसपोर्ट लाइन में आनलाइन सिस्‍टम को मानते हैं फायदेमंद

पंजाब के बरनाला के रहने वाले कुलदीप सिंह पिछले 20 सालों से ट्रांसपोर्ट बिजनेस में है। इस दौरान उन्‍होंने इस लाइन में काफी बदलाव देखें। कुलदीप सिंह ने अपने अनुभवों को ट्रक सुविधा के साथ सांझा किया। कुलदीप सिंह ने बताया कि उन्‍होंने एक ट्रक के साथ काम की शुरूआत की थी। उस समय खर्चे कम हुआ करते थे। अपनी मेहनत से उन्‍होंंने तीन ट्रक बना लिए। कुलदीप सिंह इस डिजिटलयुग में ट्रांसपोर्ट लाइन मे हो रहे बदलाव को अच्‍छा मानते है। उनका कहना है कि इससे ट्रांसपोर्ट बिजनेस में काम आसान हो गया है। कुलदीप जी कहते है कि अब तो आनलाइन माल मिल जाता है। इससे माल के लिए ज्‍यादा भागदौड नहीं करनी पडती। कुलदीप जी मोबाइल का यूज करते है। इनका मानना है कि जब से जीएसटी लगा है, तब से रास्‍ते में पेपर चेक कराने का झंझट खत्‍म हो गया है, लेकिन ट्रांसपोर्टस का काम काफी हद तक कम हुआ है। इनका कहना है कि डीजल के रेट बढते है तो भाडा भी बढना ही चाहिए। इनके हिसाब से गाडी को ओवरलोड करके नही चलाना चाहिए। अंडरलोड गाडी चलाना बेहतर है। ट्रांसपोर्ट बिजनेस की दिक्‍कतों के बारे में कुलदीप जी ने बताया कि इनका कहना है कि ट्रांसपोर्टस बिजनेस को कई दिक्‍कतों का सामना करना पड रहा है। एक तो किराये देने वाले भाडे में से किराये में से पहले ही 500 रूपए काट लेते है। दूसरा जो गाडी लोड करवा के देता है उसे भी गाडी लोड करवाने का कमीशन चाहिए वो भी 700-800 रूपए ले लेता है। गाडी लोड का और तीसरा बिल्‍टी करवाने वाला भी पैसा लेता है, जब कि ये सब तो इनका काम है। बीच में पैसा क्‍यों खाते है ये सब समझ नही आता है। एक तो भाडे नही मिलते ऊपर से ट्रोल टैक्‍स वाले परेशान करते है। साथ ही साथ पुलिस वाले भी नही छोडते है । उन्‍हे भी entry चाहिए। अगर पूछा जाए की किस प्रकार की entry तो फिर और भी ज्‍यादा तंग करते है। पुलिस वाले गाडी के कागज पूरे होने के वावजूद भी 1000- 500 रूपए लेकर ही जान छोडते है। कुलदीप सिंह जी सरकार से चाहते है कि एक तो भाडे के रेट बढे और अंडरलोड गाडियां चले। साथ ही भाडे के रेट फिक्‍स होने चाहिए, जिससे समय और धन दोनो की बचत हो।

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